प्यार दिल से करो,
तो इसे महसूस करो।
दिल की गैरहराई में,
उतर के तुम देखो।
तेरे दिल में मेरे लिए
क्या चल रहा..।
कसम उस खुदा की,
सच कहता हूँ मैं।
तुम्हारे दिल से ही,
आवाज़ आ जाएगी।।
दिल मेरा आज,
बहुत उदास है।
तुमको देखने की,
आज बहुत प्यास है।
कैसे कहूँ मैं तुमसे प्रिये,
मुझे सच में तुम्ही से प्यार है।।
देख तुमको ही मैं,
गीत मोहब्बत के लिखता हूँ।
कसम से मैं सच कहता हूँ,
लेखनी का आधार तुम ही हो।
भले ही हकीकत में हम,
तुमसे बहुत दूर सही।
पर दिल से तुम्हारे,
बहुत करीब हूँ मैं।।
दिलकी धड़कने मोहब्बत पर,
मुझसे लिखवाती है।
देख प्यारीहंसी और बाते तेरी,
मेरे दिल को वो बताती है।
तभी तो संजय मोहब्बत के,
गीत लिख और गाता पता है।
इसका सारा श्रेय प्रिये,
तुम्ही को जाता है।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।00
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