
हे प्रभु ! करुणा करन,करुणा अब कीजिये |
हो गये है बहुत दिन,कोरोना से मुक्त कीजिये ||
हो गयी हो कोई त्रुटि,जाने या अनजाने में |
भक्त है हम तुम्हारे,क्षमा अब कर दीजिये ||
हे प्रभु ! संकट मोचन और संकट मत दीजिये |
संकटों से घिरा है विश्व,उसे अब हर लीजिये ||
इस सकंट की घड़ी में और नहीं कोई सहारा |
कोरोना की सम्पाति की कोई संजीवनी दीजिये ||
हे प्रभु ! हम दीनदुखी है,आप तो दीनानाथ हो |
इस पृथ्वी के ही नहीं,तीनो लोको के नाथ हो ||
नाथ नैथिया तुम कहलाते,द्वारका के नाथ हो ||
करो कृपा अब हम पर,जय जय दीनानाथ हो ||
हे प्रभु ! ज्ञान दाता कुछ ज्ञान हमको दीजिये |
लेकर अपनी शरण में अज्ञान से मुक्त कीजिये ||
अज्ञान के इस सागर में नाव हमारी डगमगा रही |
लेकर ज्ञान की पतवार,इस को पार करा दीजिये ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम