क्षिति जल पावक नभ पवन,
. जीवन ‘विज्ञ’ सतोल।
जीवन का आधार वर,
. पानी है अनमोल।।
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मेघपुष्प ,पानी सलिल, आप: पाथ: तोय।
विज्ञ वन्दना वरुण की, निर्मल मति दे मोय।।
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जनहित जलहित देशहित, जागरूक हो विज्ञ।
जीवन के आसार तब, जल रक्षार्थ प्रतिज्ञ।।
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वारि अम्बु जल पुष्करं, अम्म: अर्ण: नीर।
उदकं, घनरस शम्बरं, विज्ञ रक्ष मतिधीर।।
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सरिता तटिनी तरंगिणी, द्वीपवती सारंग।
नद सरि सरिता आपगा, जलमाला जलसंग।।
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अपगा लहरी निम्नगा, निर्झरिणी जलधार।
सदा सनेही सींचती, करलो विज्ञ विचार।।
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स्वच्छ रखो जल विज्ञ नर, नहीं प्रदूषण घोल।
नयन नीर नर नारि रख, पानी है अनमोल।।
नाम–बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः