राम रहे ना तुम नर प्यारे

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राम रहे ना तुम नर प्यारे
कैसे मैं सीता बन जाऊं?
रावण हुए सहस्रों पल-पल
अब मैं राम कहां से लाऊं।।

मेरा भी अंतर्मन चाहे
सच्ची प्रीत की रीत निभाते।
बस मेरे नैनो से पीते
दूजी ना मधुशाला जाते।
तुम तो चाहो नित नई प्रीतें
मैं जल-जल जोगन बन जाऊं।

रावण हुए सहस्रों पल-पल
अब मैं राम कहां से लाऊं।।

फ़र्ज़ नहीं बिसराए मैंने
नाहि सातों अग्नि के फेरे
उड़े नेह के पंछी सारे
वचन बदरिया मुझको घेरे
मर्यादित अब भी तन मेरा
मन पर कैसे रोक लगाऊं

रावण हुए सहस्रों पल-पल
अब मैं राम कहां से लाऊं।।

सच्चा नेह लुटा कर देखो
प्रेम- पंडिता बन जाऊंगी
बन सावित्री यमराजा से
प्राण , प्रिये लौटा लाऊंगी
तुम तो ठोकर मारो मुझको
मैं कैसे फिर गले लगाऊं

राम रहे ना तुम नर प्यारे
कैसे मैं सीता बन जाऊं?
रावण हुए सहस्रों पल-पल
अब मैं राम कहां से लाऊं।।

सीमा शिवहरे सुमन
परिचय-
नाम- सीमा शिवहरे
साहित्यिक नाम- सीमा शिवहरे’ सुमन’
जन्म तिथि – 10 नबम्वर 1980
जन्म स्थान -गंज बासोदा (जिला विदिशा)

शिक्षा – बी.ए. अंग्रेजी साहित्य +अन्य
एम.ए.राजनीतिक विज्ञान
वर्तमान में हिन्दी साहित्य से एम.ए.
(2018 से अध्ययनरत)

प्रमुख विधा:-कविता, गीत -हिन्दी एवं बुन्देलखण्डी बोलियों में , छंद ,काव्य – व्यंग्य ,मुक्तक, दोहे, नाटक

प्रकाशन:- व्यक्तिगत काव्य-संग्रह

(1) ‘ वो नीम का पेड़’ (2017)
(2) हिन्दी और सिनेमा (2018 हिन्दी भाषा का सिनेमा जगत में योगदान
(3) हम तिरंगा लेकर आएंगे (बाल कविता संग्रह)

सांझा संग्रह:
-1 हिन्दी सागर (2017दिल्ली
2.women आवाज
नारी से नारी तक (2018 इंदौर)
3.सर्जना हिन्दी लेखिका संघ भोपाल
4.समकालीन महिला साहित्यकार ( मेरठ दिल्ली)
( 5) स्वाभिमान ( मातृभारती द्वारा विजेताओं का लघुकथा संग्रह)

दूरदर्शन, एपिक,आकाशवाणी , साहित्यधारा यू ट्यूब चेनल पर रचनापाठ।
संस्कृति .com, मातृभाषा .com एवं विभिन्न समाचार पत्र – पत्रिकाओं में कविता ,कहानी आदि का प्रकाशन।

साहित्यक सम्मान एवं उपलब्धियां :–
(1.)कल्चुरी गौरव सम्मान 2018(भोपाल)

  ( 2.)*अखिल भारतीय  महिला साहित्य सम्मान* 
           मेरठ,  *दिल्ली* से(*निरूपमा प्रकाशन द्वारा मेरी प्रथम  पुस्तक के लिए)

        (3.) *हिन्दी भाषासारथी सम्मान* 2018 (*अंतरा शब्दशक्ति इंदौर द्वारा, हिन्दी और सिनेमा विषय पर लेख पसंद कर उसे पुस्तक रूप देकर न केवल नि: शुल्क छापा गया अपितु भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित भी किया गया।

(4) शब्द भास्कर सम्मान 2019
दैनिक भास्कर की ओर से, प्रादेशिक स्तर पर आमंत्रित हिन्दी भाषा पर मेरी लिखित कविता को चुने जाने एवं उसके रचनापाठ के लिए सम्मान. (हिन्दी दिवस के सुअवसर पर)

(5). हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार पर आधारित ,मेरे द्वारा लिखित , निर्देशित एवं अभिनित नाटक(‘ हां नहीं आती शरम’) के लिए अखिल भारतीय संस्था कलामंदिर द्वारा सम्मानित किया गया..
(6.) सुमन ओवेराय द्वारा लिखित नाटक (‘हम नहीं सुधरेंगे’) में बेटी- प्रियंका के किरदार में अभिनय के लिए ,अखिल भारतीय सं.बाल कल्याण केन्द्र (भोपाल) द्वारा सम्मानित किया गया…
(7.) सहस्रबाहु कल्चुरी महा सभा भोपाल द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर प्रविष्टी आमंत्रित कर, साहित्य क्षेत्र में चुनकर सम्मानित किया गया..
(8.) रविन्द्र नाथ टैगोर विश्व विद्यालय की ओर से भील जनजाति पर शोध पत्र प्रकाशन के लिए सम्मानित किया गया…
(9. )द क्वीन लांज , महिला शक्ति, संस्कार सुधा फाऊन्डेशन आदि संस्थाओं द्वारा विभिन्न अवसरों पर साहित्य क्षेत्र में सम्मानित किया गया..
(10) *मेरा एक बुन्देलखण्डी लोकगीत.. मशहूर लोकगीत गायिका आदरणीय दीपाली जी द्वारा भोपाल हाट में गाया गया और मुझे गीत की लेखिका के रूप में आमंत्रित कर सम्मानित किया गया..
(11 ) मातृभारती राष्ट्रीय लघुकथा प्रतियोगिता की *विजेता* सूची में शामिल कर विजेताओं की निःशुल्क पुस्तक छापी गई एवं सम्मान दिया गया।

(12 ) मातृभारती द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता “मां को पत्र लेखन (2018) एवं अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता में (2019) तीसरा स्थान प्राप्त कर ” विजेता बनी एवं पुरस्कार प्राप्त किया।
(13) शीर्षक- हिन्दी के सम्मान में हर भारतीय मैदान में कई कार्यक्रम आयोजित कर चुकी हूं, जिसके अंतर्गत हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार पर आधारित मेरे लिखित नाटक का मंचन भी हुआ..
(14)बेहतर मंच संचालन के लिए कल्चुरी महासभा ,
दामिनी की आवाज एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी समिति द्वारा सम्मान ..( साहित्य अकादमी के लिए प्रादेशिक स्तर पर मंच संचालन कर चुकी हूं)

लेखन का उद्देश्य :- अपने साहित्यिक लेखन से
समाज एवं देश में सकारात्मक बदलाव की आशा रखते हुए , एक अच्छे-सच्चे प्रगतिशील समाज का निर्माण करना..

पता :-भूमिका रेसीडेंसी, B -ब्लाॅक फ्लैट नं.
E-4 मंदाकिनी, पिन – 462042 ,कोलार भोपाल म.प्र.।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।