मेरी परीक्षा ना लो,धैर्य मेरी ताकत कोमलता पहचान है।
एक साथ अनेक काम,करने की शक्ति विधाता की देन है।
आंसुओं को पीकर भी,चार दीवारी को घर बनाती हूं।
और खुद की लडाई खुद से यज्ञ लड आती हूं।
सजावट की चीज नहीं ,जो गहनो सें सजाया गया।/कर्तव्यों के मोहपाश में जकडा गया।
शोषित नारी अबला बेचारी,हरदम कहलाई दुखियारी।
पर अब और नहीं,मैं ,मैं हूं,मेरे स्व को ना छेडो तुम,
कष्ट तिरस्कार,शोषण पीछे छोड/अपने अधिकारों के लिये सशक्त होती गई।
मेरी दृढता को डिगा सकते नहीं,धैर्य को हिला सकते नहीं।
कोमलांगी नही,काली रणचंडी भी बनती गई।
विधाता की कृति नारी,जिस पर सृजन की है जिम्मेदारी।
मुंह इससे ना मोडेगी,अस्तित्व की चाह में,संस्कारो को न छोडेगी।/अपनी अस्मिता के लिये,अब और ना झोली फैलायेगी।/
ऐ खुदगर्ज जमाना देखना,नारी शक्ति का ध्वज अब फहरायेगी।
परिचय-
रागिनी उपलपवार
वेदांग वास्तु सलाहकार
पद-सेवानिवृत्त प्राचार्य,हायर सेकेन्डरी स्कूल
पता-एम.जी.-20 फार्चून इस्टेट फेस-2,कोलार भोपाल म.प्र. पिन-462042
प्रकाशित पुस्तक-01,काव्य संग्रह,उम्मीद की किरण
01 बाल कहानी संग्रह “हार से मिला हौसला”
प्रकाशित लेख-पत्र-पत्रिकाओं में80-100
प्रमुख सम्मान-
1-राज्य स्तरीय श्रेष्ट शिक्षक प्रशिक्षक सम्मान -मध्य प्रदेश सरकार
2-उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान-लायंस क्लब भोपाल
3-राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रथम पुरस्कार-मध्य प्रदेश सरकार
4-राष्ट्रीय आरिणी पर्यावरण सम्मान- राष्ट्रीय आरिणी संस्थान भोपाल
5-शक्ति सम्मान वास्तु हेतु-अखिल भारतीय साहित्य परिषद भोपाल म.प्र।
6-नाट्य निर्देशन पुरस्कार – जिला नाट्य संस्थान
5-महादेवी वर्मा सम्मान -साहित्य हेतु विभगूंज वेलफेयर सोसायटी भोपाल म.प्र.
6-सत्य की मशाल सम्मान-साहित
य के क्षेत्र में साहित्यिक संस्था व्दारा भोपाल म.प्र।
7-भाषा सहोदरी हिन्दी साहित्य सम्मान
9अग्नि शिखा गौरव सम्मान मुंबई अग्नि शिखा मंच
7-म.प्र.पाठ्य पुस्तक के विज्ञान विषय की सभी कक्षाओ में पाठो का लेखन।
8-पुस्तक हार से मिला हौसला के लिये मध्यप्रदेश लेखिका संध का बाल साहित्य सम्मान