हा हा कार मचा चारो ओर,
देख रही दृश्य ये दुनियां।
फिर भी लोगो के दिलो में,
जिंदा बची है मानवता।।
दूरी बनाकर लोगों की,
लोग ही कर रहे है मदद।
क्या छोटा क्या बड़ा यहां पर,
सबको एक सा देख रहे ।
जिन जिन से जो कुछ बन रहा,
कर रहे मदद मजबूर लोगो की।
ऐसी एकता दिखला दी है,
विश्व को अपने भारत ने।।
हा हा कर मचा चारो ओर,
देख रही दृश्य ये दुनियां।
फिर भी ….…………..।।
भारत की भूमि पर जन्मे,
राम श्याम महावीर बुध्द।
खुद जीओ औरों को जीने दो,
का देते रहे संदेश यहां।
कितनी भाषाएं और जाती के,
लोग बसते है भारत में।
सबकी एक जुटाता को,
अब पूरा विश्व मान रहा।।
यही हमारा भारत है,
जिसको दुनियाँ वाले जान गए।
भारत देश बहुत प्यारा है,
जिसमे बसती जान रे।
हा हा कर मचा चारो ओर,
देख रही दृश्य ये दुनियां।
फिर भी ….…………..।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।00