तुम्हारे चले जाने से

1 0
Read Time1 Minute, 42 Second

जीवन की खुशी कही खो गई तुम्हारे चले जाने से,
अब तो ये दिन भी नही गुजरता तुम्हारे चले जाने से,
तुम्हे देखने और मिलने को तरस जाती ये अखिया तुम्हारे चले जाने से,
पंछियों की आवाज भी कर्कश हो गई तुम्हारे चले जाने से,
अब तो ये पानी भी मेरी प्यार नही बुझाती तुम्हारे चले जाने से,
भोजन का स्वाद मानो चला गया तुम्हारे चले जाने से,
अब ये जीवन भी उदास बन गया तुम्हारे चले जाने से,
आँखों और चेहरे की चमक भी खो गई तुम्हारे चले जाने से,
तेरे साथ बिताये हर लम्हे याद आते तुम्हारे चले जाने से,
अब तो ये चाँद भी मानो शितलता देना छोड़ दिया तुम्हारे चले जाने से,
फलो की मीठास भी खो गई तुम्हारे चले जाने से,
ये मन और दिमाग मेरे बस में नही तुम्हारे चले जाने से,
तेरा हँस के बाते करना और तेरा प्यार जताना बहुत याद आता तुम्हारे चले जाने से,
ये रात भी अब नही गुजरते तुम्हारे चले जाने से,
अब तो भोले के ही सहारे हो गया तुम्हारे चले जाने से,
तेरे प्यार में मैं उस सीढ़ी पे चढ़ गया हूं जो मुझे फिर से नीचे ले आती तुम्हारे चले जाने से,

काशीवंशी राहुल चौधरी
रामनगर, वाराणसी

                   

matruadmin

Next Post

पुष्प

Wed Feb 5 , 2020
आकर्षित करता पुष्प हमें मिलता पुष्प को सम्मान सुगन्ध पुष्प की मन को भाती कोमलता से इसका बढ़ता मान कही कीचड़ में कही कांटो में अस्तित्व पुष्प का इन्ही में मिलता न दुर्गन्ध न ही चुभन कीचड़ कांटो में पुष्प नही ढलता पुष्प जैसा बन जाओ जीवन में सद्कर्मों की […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।