शब्दो के प्रयोग से,
महकता है आपका जीवन।
शब्दो के प्रयोग से ही,
बनते है प्रशंशक।
शब्दो के उपयोग से,
समझ आते है पढ़े लिखे।
शब्दो और वाणी से,
बना सकते हो माहौल।
शब्दो के बिना निराधार है, आपका मनुष्य जीवन।
शब्दो से ही बनता है,
एक सभ्य समाज।
शब्द शैली का बहुत,
जिंदगी में होता है महत्व।
शब्दो के बिना भला भी,
सब को बुरा दिखाता है।
शब्दो से ही चलता है,
आजकल का व्यापार।
शब्दो की शैली से ही,
पूजते है आजकल इंसान।
शब्दो के मायाजाल से ही,
बन जाता है देश खुशाल।
संवादों से रुक जाते है,
बड़े बड़े युध्द आदि।
शब्दो के द्वारा ही हमें,
मिल जाता है प्यार।
शब्दो के द्वारा नजर,
आता है आपका व्यक्ति।
शब्दो के द्वारा बन जाती है,
आपकी समाज में पहचान।
शब्दो के बिना लगता है,
जग बहुत सुना सुना।
इसलिए शब्दो का करे,
सोच समझकर प्रयोग।
रखते है जो शब्द वाणी पर नियंत्रण,
जीवन उनका महक जाता है।
तभी तो वो समाज में,
बहुत इज्जत पाता है।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।