लचकती छरहरी काया इसकी,
जल-थल-नभ वास है
निज अँग भरा विष अपने,
यह प्रमुख हथियार है l
लिपट गले यह शंकर,
करता विकट श्रृंगार है
उठा रखा धरती सिर अपने,
ऐसा जग विख्यात है l
अदभुत खेल दिखाते
नाच-नाचकर यह,
इसका व्यापार चलाते l
तिथि पंचमी अवतार मना,
करते जन-जन इसकी पूजा
घुस जाए दिवस घर यह जिसके,
लठ् मार भगाते यमलोका ll
परिचय : माधव कुमार झा दिल्ली के जहाँगीर पुरी में रहते हैं l आपकी जन्म तिथि २० अगस्त १९९२ तथा जन्म स्थान-गांव धेरूख पोस्ट बेनीपुर(बिहार) है l