मार्गदर्शन करें।

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नया वर्ष था।कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। परंतु एक प्रश्न के कारण मेरे पसीने छूट रहे थे,कि मैं अपनी पुस्तक ‘राष्ट्र के नाम संदेश’ अपने मित्र समूह, परिवारिक सदस्यों एवं शुभचिंतकों को मुफ्त कैसे दूँ?
जिसके कारण बार-बार बुद्धिजीवी लेखकों पर क्रोध आ रहा था।जिन्होंने पुस्तकें मुफ्त बाँटने की कुप्रथा चलाई हुई थी।जो क्रोध का मुख्य कारण था।क्रोध पर नियंत्रण करने का जितना प्रयास करता उतना ही शूक्ष्म विषाणुओं की भाँति बढ़ रहा था।
फलस्वरूप कला,भाषा एवं साहित्य अकादमी जम्मू-कश्मीर व साहित्य अकादमी नई दिल्ली के साथ-साथ भारत का कल्चरल मंत्रालय भी क्रोध के लपेटे में आ रहा था।क्योंकि यह अपने संवैधानिक नियमों पर खरे नहीं उतर रहे थे।उदाहरण के तौर पर स्पष्ट करना चाहता हूँ कि संविधान आर्थिक रूप से कमजोर लेखकों को पुस्तक छपवाने हेतु ‘सब्सिडी’ अर्थात आर्थिक सहायता देने के पक्ष में है,जबकि कलाकार लेखक अपनी कला की दक्षता के कारण संवैधानिक नियमों को ताक पर रखकर भारी-भरकम ‘सब्सिडी’ अर्थात आर्थिक सहायता लेने में सफल हो जाते हैं। जिससे वह मुफ्त पुस्तकें बांटने की कुरीतियों को जन्म देते आए हैं।भले ही अकादमियों सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी इस प्रश्न के लपेटे में हैं कि वे अधिकारी वास्तव में मूर्ख हैं या भ्रष्ट?
अब बुद्धिजीवी पाठक मुझे मार्गदर्शन करें कि कड़े परिश्रम से कमाए धन द्वारा प्रकाशित पुस्तकें मुफ्त कैसे दूँ?

#इंदु भूषण बाली

जम्मू कश्मीर

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।