जन्म लिया है भारत में,
तभी तो प्यारा लगता है।
विश्व में सबसे न्यारा,
देश हमारा दिखता है।
कितने देवी देवताओं ने,
जन्म लिया इस भूमि पर।
धन्य हो गए वो सभी जन,
जिनको जन्म मिला इस भूमि पर।।
कण कण में बस्ते है भगवान,
वो भारत देश हमारा है।
कितनी नदियां यहां पर बहती,
जिनको माता कहकर बुलाते है।
जिनके जल से लोग यहां पर,
अपने पापो को धोने आते है।
तभी तो लोग कहते है,
की भारत सबसे प्यारा है।।
भाषा का भी आदर भाव,
यहां पर बहुत दिखता है।
सुख दुख में भी साथ खड़े,
लोग यहां पर दिखाते है।
अपनी मूल संस्कृति से,
नही ये करते समझौता।
तभी तो आस्थाओं में,
विश्वास करते लोग यहां।।
इसलिए तो विश्व में सबसे,
न्यारा भारत हमारा दिखता है ।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।