दर्पण

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bhagat

मन का दर्पण देख नर,बाहर भरम अथाह।
भेद मिटे सारे सहज, अटल रहे उत्साह।।

दर्पण को देखा हुआ, मायावरण विमोह।
मन की खिड़की जब खुली,मिटा भरम सब मोह।।

दर्पण दर्शन सूरत अरु,बाल क्रिडन त्रय ठाम।
भूले से नहि आत है,हरि वल्लभ कौ नाम।।

सत्य कहाँ दर्पण कहे,मनचीता कह पाय।
मन ही चेतन जब हुआ,दर्पण बिरथ बनाय।।

दर्पण माया रूप जग,देता भरम अथाह।
टूटा दर्पण मिट गया,कलुष कलंकित दाह।।

निज की छवि दर्पण रही,सत्य कहाँ स्वीकार।
बिनु दर्पण मन थाह ले,उपजहि हाहाकार।

दर्पण यह कहता हमें,निज तज पर की सोच।
निज-हित वही विचारते,जिहि नर तन मति पोच।।

दर्पण टूटा मिटि गया,सकल भरम संसार।
कृपाकोर गुरु जब गही,तमस भया उजियार।।

दर्पण को देखा किए,मन में मोद अपार।
ज्ञान भया गुरु कारणै, जीवन लगा असार।।

                                                         #भगत ‘सहिष्णु’

परिचय : भगत टेलर ‘सहिष्णु’ प्रतापनगर (राजस्थान)में रहते हैं और प्रतियोगी शिक्षण कथा प्रवचन का व्यवसाय करते हैं। आप हर प्रकार के लेखन में सक्रिय हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।