आजुहि मोहे पिया मिलेंगे… बहुत दिनन की अँखियां प्यासी, निशदिन रहती रही उदासी। आज सुफल पीड़ा मन हाँसी, हरि पाई वृन्दावन वासी। मिलन उछाह भरा मन भोरे,अबहि प्रीत के सुमन खिलेंगे… आजुहि मोहे पिया मिलेंगे….। हरि जू मौसे कहे सुपन में, रीते घट ही रहे जुबन में। भरम पाल बैठे […]