हिन्दी भाषा

0 0
Read Time2 Minute, 10 Second


. ✨✨✨
हिन्दी हिन्दुस्तान की, भाषा मात समान।
देवनागरी लिपि लिखें, सत साहित्य सुजान।
सत साहित्य सुजान,सभी की है अभिलाषा।
मातृभाष सम्मान , हमारी अपनी भाषा।
सजे भाल पर लाल, भारती माँ के बिन्दी।
भारत देश महान, बने जनभाषा हिन्दी।
. ✨✨✨
भाषा संस्कृत मात से, हिन्दी शब्द प्रकाश।
जन्म हस्तिनापुर हुआ, फैला खूब प्रभास।
फैला खूब प्रभास, उत्तरी भारत सारे।
तद्भव तत्सम शब्द, बने नवशब्द हमारे।
कहे लाल कविराय,तभी से जन अभिलाषा।
देवनागरी मान, बसे मन हिन्दी भाषा।
. ✨✨✨
भाषा शब्दों का बना, बृहद कोष अनमोल।
छंद व्याकरण के बने,व्यापक नियम सतोल।
व्यापक नियम सतोल,सही उच्चारण मिलते।
लिखें पढ़ें अरु बोल, बने अक्षर ज्यों खिलते।
कहे लाल कविराय, मिलेगी सच परिभाषा।
हर भाषा से श्रेष्ठ, हमारी हिन्दी भाषा।

नाम–बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

असम के होजाई शहर में राष्ट्रीय हिंदी दिवस का भव्य आयोजन किया गया

Tue Sep 17 , 2019
होजाई । सर्व हिंदुस्तानी परिषद असम राज्यिक समिति तथा जिला समिति ने होजाई विभूति भूषण गेस्ट हाउस में राष्ट्रीय हिंदी दिवस का आयोजन किया। असम के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत, राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री सम्मान से सम्मानित साहित्यकार तथा उपन्यासकार डॉ. जय श्री गोस्वामी महंत, रेल राज्यमंत्री राजेन गोहाई , […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।