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हिन्दी हिन्दुस्तान की, भाषा मात समान।
देवनागरी लिपि लिखें, सत साहित्य सुजान।
सत साहित्य सुजान,सभी की है अभिलाषा।
मातृभाष सम्मान , हमारी अपनी भाषा।
सजे भाल पर लाल, भारती माँ के बिन्दी।
भारत देश महान, बने जनभाषा हिन्दी।
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भाषा संस्कृत मात से, हिन्दी शब्द प्रकाश।
जन्म हस्तिनापुर हुआ, फैला खूब प्रभास।
फैला खूब प्रभास, उत्तरी भारत सारे।
तद्भव तत्सम शब्द, बने नवशब्द हमारे।
कहे लाल कविराय,तभी से जन अभिलाषा।
देवनागरी मान, बसे मन हिन्दी भाषा।
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भाषा शब्दों का बना, बृहद कोष अनमोल।
छंद व्याकरण के बने,व्यापक नियम सतोल।
व्यापक नियम सतोल,सही उच्चारण मिलते।
लिखें पढ़ें अरु बोल, बने अक्षर ज्यों खिलते।
कहे लाल कविराय, मिलेगी सच परिभाषा।
हर भाषा से श्रेष्ठ, हमारी हिन्दी भाषा।
नाम–बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः