होजोई।
असम हिंदी साहित्य सभा और सर्व हिंदुस्तानी परिषद कछाड़ ने संयुक्त रूप से 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया। भव्य समारोह में कई गणमान्य कवियों के साथ मेघालय से आमन्त्रित सुविख्यात साहित्यकार डॉ अवधेश कुमार अवध को अंगवस्त्र के साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
उत्तर प्रदेश के चन्दौली जिले के मूल निवासी डॉ अवध मेघालय की एक सीमेंट कम्पनी में कार्यरत हैं। तकनीकी सेवा के बावजूद बचपन से ही इनकी रुचि साहित्य में है। गद्य और काव्य की लगभग सभी विधाओं में सृजन करते हैं। साथ ही बेबाक पत्रकारिता भी इनका शौक है। इसलिए हिंदी साहित्य जगत में डॉ अवधेश कुमार अवध एक जाना पहचान नाम है। नवोदित हिंदी और हिंदीतर रचनाकारों को प्रोत्साहित कर हिंदी की मुख्य धारा में जोड़ने की साधना में भी लगे रहते हैं।
डॉ अवध के मुक्तक “उठो कलम के प्रखर साधकों, हिंदीमय भारत कर दो” ने खूब तालियाँ बटोरी। डॉ अवधेश कुमार अवध के सम्मानित होने पर हजारों लोगों ने बधाइयाँ दीं। हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता और विस्तार हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की दिशा में आश्वस्त करती है। इस अवसर पर प्रफुल्ल कुमार मोहंतो, राजेन गोगोई, पद्मश्री डॉ जोयाश्री गोस्वामी, पूर्वकुलपति डॉ अमरेन्द्र चक्रवर्ती, मदन सिंघल, मनोज कुमार साह, पंकज पान्डे, भृगुनाथ सिंह और राज गुप्ता के साथ सभागार में सैकड़ों लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन राजीव गुप्ता ने किया।