जितनी है पाक औकात तेरी,उतनी कर अब तू बात |
तीन युद्ध हार चुका है,कितनी खायेगा अब तू मात ||
बना है तू सेना की कठपुतली,तेरे नहीं कोई साथ |
ले देके एक चीन बचा है,जिससे मिलाया तूने हाथ ||
देता है न्यूकिल्यर की धमकी,तू उसको भी छुटा कर देख |
बचेगा न तेरा कोई बन्दा,खुद गिरेबान में झांक कर देख ||
हाथ में है तेरा कटोरा,सारी दुनिया से भीख मांग रहा |
देगा तुझे कोई न भीख,पहले ही कर्ज में मरा जा रहा ||
भारत से क्या युद्ध करेगा,अब तेरी कोई औकात नहीं |
पहले घर के झगड़े निम्टा,युद्ध करना अब आसान नहीं ||
छूते ही माईक को तेरे रेल मंत्री की चीख निकल जाती है |
जरा उसको करंट लगा,तो नानी उसको याद आ जाती है ||
छोड़ दे कश्मीर की अब बात तू,पी ओ के की बात कर ले तू |
पहले तो ढाका गवायाँ था,अबकी बार जाफराबाद गवायेगा तू ||
#आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)