पाक को चेतावनी

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जितनी है पाक औकात तेरी,उतनी कर अब तू बात |
तीन युद्ध हार चुका है,कितनी खायेगा अब तू मात ||

बना है तू सेना की कठपुतली,तेरे नहीं कोई साथ |
ले देके एक चीन बचा है,जिससे मिलाया तूने हाथ ||

देता है न्यूकिल्यर की धमकी,तू उसको भी छुटा कर देख |
बचेगा न तेरा कोई बन्दा,खुद गिरेबान में झांक कर देख ||

हाथ में है तेरा कटोरा,सारी दुनिया से भीख मांग रहा |
देगा तुझे कोई न भीख,पहले ही कर्ज में मरा जा रहा ||

भारत से क्या युद्ध करेगा,अब तेरी कोई औकात नहीं |
पहले घर के झगड़े निम्टा,युद्ध करना अब आसान नहीं ||

छूते ही माईक को तेरे रेल मंत्री की चीख निकल जाती है |
जरा उसको करंट लगा,तो नानी उसको याद आ जाती है ||

छोड़ दे कश्मीर की अब बात तू,पी ओ के की बात कर ले तू |
पहले तो ढाका गवायाँ था,अबकी बार जाफराबाद गवायेगा तू ||

#आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।