गाँव से उतर की और जाने वाली सड़क पर करीब 2 किमी की दूरी पर सडक के किनारे से लगभग तीन मीटर के फासले पर एक दलित शहीद की प्रतिमा है ! यह प्रतिमा उस दलित शहीद की शमशान पर बनी हुई है !अवकाश में गाँव आये दारोगा जी सुबह सुबह भ्रमण में निकले थे , उन्होंने देखा एक लगभग नौ वर्षीय बालक प्रतिभा के टूटे हुए हाथ को साथ में लाई रस्सी से टूटे भाग की कुहनी को मिलाते हुए चीथड़ों से बांध रहा है वे रुके और बच्चे की समीप चले गये ! बच्चे ने प्रतिभा के सामने लंबोतरी छाया के प्रकट होने पर हडबडा कर पीछे मुड़ गया , इस ऊहापोह में शहीद की प्रतिमा का टूटा हुआ हाथ व चिथड़े नीचे गिर गये ! बच्चा डर गया था और भयभीत दृष्टि से दारोगा जी को देख रहा था ! दारोगा जी ने बच्चे को आत्मीयता से कहा ” बेटा …यहाँ क्या कर रहे हो ? …मूर्ति का हाथ क्या तुमने तोड़ा है? अब बच्चा काँपने लगा और रोने लगा , दरोगा जी पुनः आश्वासन दिया ” घबराओ मत बेटा …सच सच बताओ ..बात क्या है? ” बच्चा चुप होकर आँसू पौछने लगा …फिर हिचकिचाते हुए बोला ” बाबूजी ये मेरे बापू की मूर्ति है …मेरे बापू का हाथ किसी ने तोड़ दिया है… ” ( उसकी आँखों से आँसूओं का वेग तीव्र होने लगा ) बच्चा बोला ” मैं उसे ठीक कर रहा था बापू को दर्द होता होगा …!” वह अपने कमीज से अपनी आँखें पोछने लगा ! दारोगा जी का हृदय द्रवित हो चुका था! वे बोले ” बेटा …तेरे बापू के हाथ किसने तोड़े ? क्या तुम जानते हो उन्हें ? ” उसने ना में अपना सिर हिलाते हुए बोला ” माँ बता रही थी वे दबंग लोग है हम उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते ? ”
दारोगा जी की निगाहे घने आकाश की अनंत में कुछ टटोलने लगती है उन्होंने देखा कि कुछ निरीह पक्षियों को बाज ने अपने पंजे में ले लिया है और वे लहू-लुहान हुए छटपटाहट करते छूटने की कोशिश में है …!!
#छगन लाल गर्ग विज्ञपरिचय-छगन लाल गर्ग “विज्ञ”!जन्मतिथि :13 अप्रैल 1954जन्म स्थान :गांव -जीरावल तहसील – रेवदर जिला – सिरोही (राजस्थान )पिता : श्री विष्णु राम जीशिक्षा : स्नातकोतर (हिन्दी साहित्य )राजकीय सेवा : नियुक्ति तिथि 21/9/1978 (प्रधानाचार्य, माध्यमिक शिक्षा विभाग, राजस्थान )30 अप्रैल 2014 को राजकीय सेवा से निवृत्त ।प्रकाशित पुस्तके : “क्षण बोध ” काव्य संग्रह गाथा पब्लिकेशन, लखनऊ ( उ,प्र)“मदांध मन” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ,प्र)“रंजन रस” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ,प्र)“अंतिम पृष्ठ” काव्य संग्रह, अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद (उ,प्र)“तथाता” छंद काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ.प्र.)“विज्ञ विनोद ” कुंडलियाँ संग्रह , उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ (उ.प्र. ) ।“विज्ञ छंद साधना” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन!साझा काव्य संग्रह – लगभग २५सम्मान : विद्या वाचस्पति डाक्टरेट मानद उपाधि, साहित्य संगम संस्थान नईं दिल्ली द्वारा! विभिन्न साहित्यिक मंचो से लगभग सौ से डेढ सो के आस-पास!वर्तमान मे: बाल स्वास्थ्य एवं निर्धन दलित बालिका शिक्षा मे सक्रिय सेवा कार्य ।अनेकानेक साहित्य पत्र पत्रिकाओ व समाचार पत्रों में कविता व आलेख प्रकाशित।वर्तमान पता : सिरोही (राजस्थान )