बाल दिवस विशेष………………..
एक चाचा की चाह में, बचपन खो गया
भूखे है इस तरह की,संस्कार खो गया
नवीनता तुम्हें मुबारक
शालीनता लौटा दो
बस एक बार मेरा चाचा लौटा दो।
चाचा थे आधुनिक भारत के निर्माता
विज्ञान प्रोद्यौगिकी के प्यारे
समस्त राष्ट्र को चमका गए
विलासिता के उपकरणों से
भारत को संवार गये
अपनी अपनी सोच है
वही कुर्सी वही देश है
फिर क्यू कारखाने बंद पडे?
बेरोजगारो की रोज फौज बढे
शासन प्रशासन मौन खड़े
समाधान की चिंता कौन करे?
बाल दिवस पर भी
बच्चो को काम करना पडे, क्योंकि
एक चाचा की चाह में,बचपन खो गया
भूखे है इस तरह की, संस्कार खो गया।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति