पाकिस्तान ने अलापा फिर पुराना राग।

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sajjad haidar

पाकिस्तान ने फिर वही अपना पुराना राग अलाप दिया। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान के सत्ता पर विराजमान होने से सीना पर शांति के रूप में देखा जा रहा था। परन्तु, ऐसा नहीं हुआ सत्ता परिवर्तन के बाद भी नए प्रधानमंत्री ने वही कार्य करना आरम्भ कर दिया जोकि, उनके पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों ने किया था। पुलवामा आतंकी हमले का पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान का बयान आया है जोकि, साक्ष्य माँगने का राग अलाप अलाप रहें हैं। यह वही पुराना राग है जिसे अब इमरान सरकार ने शुरू कर दिया है कि आप हमें साक्ष्य दीजिए हम कार्यवाही करेंगे। तो प्रश्न यह उठता है कि क्या, अबतक भारत ने जितने साक्ष्यों को प्रस्तुत किया तो उन साक्ष्यों पर पाकिस्तान ने कितना कार्य किया, पाकिस्तान ने भारत के द्वारा दिए गए हुए साक्ष्यों पर आतकंकियों के विरूद्ध कितना प्रहार किया।
ज्ञात हो कि पाकिस्तान के खुले राजनीतिक मंचों पर जहरीले आतकंवादी हाफिज़ सईद एवं मसूद अज़हर स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। पाकिस्तान के साक्ष्य माँगने का तर्क यह है कि जब पाकिस्तान आतकिंयों के साथ नहीं है तो इन आतंकवादी आकाओं को अपने मंच पर जगह क्यों देता है। पाकिस्तान का यह दोहरा चरित्र बहुत दिनों से चल रहा है अब यह दोहरा चरित्र नहीं चलने वाला। पाकिस्तान तत्काल भारत को इन आतंकी आकाओं को सौंपने का कार्य करे। जोकि, भारत के प्रति आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते रहते हैं। अब शब्दों के खेल में भारत को नहीं फंसना चाहिए। भारत के नेतृत्व से हम सब भारतवासियों की आग्रह है कि कब तक हम इन झूठे आश्वाश्नों के भरोसे अपने वीर जवानों की कुर्बानी देते रहेंगे। अतः हमें अब ठोस कार्यवाही करने की आवश्यकता है। भारत का नेतृत्व भारत के हित के लिए आवश्यक कदम उठाए भारत की जनता भारत की सरकार एवं सेना के साथ है। क्योंकि, बेगुनाह हमारे जवानों का खून बहुत बह चुका। यह खून कबतक बहेगा? हमें इस पर शीघ्र विचार करना चाहिए और तत्काल देश हित के लिए कदम उठाना चाहिए। भारत के हित के लिए अनेकों प्रकार के कदम एक साथ उठाने की आवश्यकता है। भारत सरकार को तत्काल राजनीतिक, कूटनीतिक, सैन्यशक्ति एवं अर्थव्यवस्था के माध्यम से प्रहार करने की आवश्यकता है। जिससे कि पाकिस्तान की कमर तोड़ी जा सके। पाकिस्तान अगर आतंकियों के खिलाफ वास्तव में कार्यवाही करने की बात करता है तो तत्काल कल ही हाफिज सईद एवं मसुद अज़हर को भारत के हवाले कर दे। यदि पाकिस्तान ऐसा नहीं करता तो भारत सरकार से पूरे देश वासियों की आग्रह है कि कदापि पाकिस्तान पर अब भरोसा न किया जाए। अब सीधे-सीधे आतकिंयों एवं आतकिंयों के आकाओं का विनाश किया जाए।

विचारक ।
#सज्जाद हैदर

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।