है,प्रित जहाँ की मैं बात वहाँ का
करता हूँ, हिन्दुस्तान का रहने
वाला हूँ हिन्दी में बात करता हूँ ।
लोग मुझे जो कहे प्रवाह नही
मुझे कुछ और नही,बस हिन्दी
में , बात करना आता है ।
अंग्रेजी,चीनी,रुसी,है बिदेशी
इनकी बात मैं क्यो करु
हमारी प्रिय भाषा है,हिन्दी
मैं हिन्दी की बात करता हूँ।
हमारी जननी है हिन्दी,
मैं हिन्दी में बात करता हूँ ।
हमारी मातृभाषा है हिन्दी
मैं हिन्दी में बात करता हूँ।
है,प्रित जहाँ की मैं बात वहाँ का
करता हूँ, हिन्दुस्तान का रहने
वाला हूँ,हिन्दी में बात करता हूँ ।
संस्कृत है, हमारी संस्कृति
भोजपुरी,गुजराती,मराठी,पंजाबी
बाग्ला,ये सब है,हिन्दी की सखा,
हिन्दी के बिना है सब बेकार ।
विदेशी आक्रमन से जो हुई
छती अब न दोहराई जएगी
सभी भाषा की जननी के रुप
में,मातृभाषा के रुप में,फिर से
हिन्दी याद की जाएगी ।
है,प्रित जहाँ की मै बात वहाँ का
करता हूँ, हिन्दुस्तान का रहने
वाला हूँ हिन्दी में बात करता हूँ ।
लहराएगा अब प्रचंड हिन्दी का
देश क्या अब विदेशो मे भी हमारी
गाथा गायी जाएगी ।
है,प्रित जहाँ की मैं बात वहाँ का
करता हूँ, हिन्दुस्तान का रहने
वाला हूँ,हिन्दी में बात करता हूँ ।।
पूर्ण नाम~ पुष्कर कुमार
साहित्यिक उपनाम~ पुष्कर कुमार भारती
जन्म स्थान~ कटही,सुपौल (ननिहाल)
वर्तमान पता~ ग्राम-दियारी,जिला-अररिया
स्थाई पता~ग्राम-दियारी,जिला-अररिया
राज्य/प्रदेश~ बिहार
ग्राम/शहर~ अररिया
पूर्ण शिक्षा~BA(POLITICAL SCIENCE)
कार्यक्षेत्र~ विद्दार्थी/लेखन कार्य
(नौकरी या जो भी)लेखन विधा~ कविता,सामाजिक लेख
(गीत,ग़ज़ल,लेख जो भी )भाषा ज्ञान~ हिन्दी
कोई प्रकाशन~ www.sahity.com/ब्लॉग, पर कविता और कहानी का संग्रह
(संग्रह या किताब ) तथा कहानी का संग्रहरचना प्रकाशन~ साहित्य लाइव पाक्षिव पत्रिका
(पत्र-पत्रिका)लेखनी का उद्देश्य~ सामाज की कुरीतियो को लेखन के माध्यम से मिटाने का प्रयत्न करना
रुचियाँ ~ लेखन कार्य और किताब पढना