मालवी जाजम : :चम् चम् करतो चुड़ीलो माथा पे बोर बंद ….मालवी जाजम इंदौर में बिछी

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चम् चम् करतो चुड़ीलो माथा पे बोर बंद ….मालवी जाजम इंदौर में बिछी

सावन की फुआरो के साथ ही मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी में मालवी जाजम बिछी और शहर के मालवी साहित्यकारों का जमावड़ा लगा | बादलो की गडगडाहट के साथ ही चमकती बिजली मानो आतिशबाजी और प्रक्रति  का नजारा देखने लायक था | माह के अंतिम रविवार को बिछने वाली जाजम में मालवी गीत ,गजल और कविताओ का दौर चला | लोकगीत भी गाये गए |तेज बारिश में साहित्यकार गिले होते हुवे पहुचे और मालवी साहित्य के साथ सावनोत्सव मनाया गया | श्रृंगार की भी बात हुई तो ककड़ी भुट्टे की भी बात हुई | मस्ती की भी बात हुई |
वरिष्ठ मालवी साहित्यकार राजेश भंडारी “बाबू” ने चम चमातो चुड़ीलो  माथा पे बोर बंद, कमर से सरकतो कन्दोरो ,लहरातो बाजुबंद ……छम छम करता झंजरिया मुस्काए मकरंद …गोरी थारो रूप निहारे ..साजन मुस्काए मंद मंद | इसके अलावा दूसरी रचना वारे मालवा का लाल थारो कई केणो, थारो दिल मांगे मोरे ,कर्जो करी करी के गाड़ी ख़रीदे , माफ़ करने सारु मचाये शोर…सुना कर खूब वाह वाही बटोरी |साथ ही मालवी के वीणा पत्रिका में २ पेज रखने की भी बात साहित्यकारों ने की | साथ ही मालवी जाजम को वृहत रूप देने की भी बात की | मुकेश इन्दोरी ने लोकगीत – लो आइगयो सावन ,मन भई गयो स्वान सुनाकर खूब वाहवाही लुटी |श्री हरिमोहन नीमा ने मालवी हाइकु पड़े जो मालवी एक नया प्रयोग है |कुसुम मंडलोई ने गीत मै तो झुला झूलन को जाऊ सुनाया |भीम सिंह पवार ने सावन में ग्रामीण परिवेश का वर्णन किया कुवा बावड़ी सब भरी गया |नंदकिशोर चोहान ,सत्यानारायन मंगल और देवीलाल गुर्जर आदि ने भी रचनाये भी सुनाई और सभी को सराहा गया |
राजेश भंडारी 

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।