पाठक संसद की 125वी श्रृंखला संपन्न

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कलम जब भी बोलती है सच बोलती है
 


इन्दौर। शासकीय केंद्रीय अहिल्या पुस्तकालय में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत पुस्तकालय, हिंदी परिवार इंदौर एवं संभागीय पुस्तकालय संघ इंदौर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित मंगलवार को मासिक पाठक संसद में कवियों ने विभिन्न विषयों पर अपनी रचनाएं सुनाकर ग्रीष्म की तपन को शीतलता में परिवर्तित कर दिया। आरंभ में माँ सरस्वती की वंदना सहित युवा कवित्री वाणी जोशी ने मन मंदिर के द्वार पर हो रहा शंखनाद तथा कलम जब भी बोलती है सच बोलती है सुना कर शुरुआत की। अर्पणा जोशी ने मैं अपनी बात कहने का अलग ही ढंग रखती हूं गजल सुनाई। दिनेश तिवारी ने कांटो के बीच फूल खिलते हैं जिंदगी का फलसफा कहते हैं कविता पढ़ी। सुरेखा सिसोदिया ने, राम मिले करुणा के सागर गायत्री प्रसाद शुक्ल ने वर्तमान ,में हो रहे युद्ध पर पीड़ा व्यक्त करते हुए सुनाया मानव ही दुश्मन है मानव का। तृप्ति मिश्रा के गीत के बोल क्यों बसंत गीत गाते हो तथा रिया मोरे ने कुछ मुक्तकों के साथ कविता सुनाई ,छोड़े हैं सुख सब तुम्हारे लिए खूब सराही गई। भीम शंकर पवार ने प्रेम गीत , डॉक्टर बुला कार ने माँ सुनो किताबें पढ़ने का मन प्रेरणादायक कविता सुनाई तो ओम उपाध्याय ने दो व्यंग रचनाएं सुनाकर गुदगुदाया।
डॉ अर्पण जैन ने माँ शारदे की वंदना घनाक्षरी में सुनाई तो लिली डाबर ने एक मार्मिक छोटी कहानी एवँ सत्यनारायण मंगल ने गर्मी पर तथा हंसा मेहता ने समसामयिक रचना पढ़ी।
संचालन कर रहे हरेराम वाजपेई का गीत जल तो जल है नियम ना बदलें सागर का हो या आंसू का सराहा गया। कार्यक्रम में राम चंद्र दुबे,पुष्पा यादव,प्रिंसी वर्मा,रोहित त्रिवेदी एवं अभ्यास मंडल की मनीषा गौर भी उपस्थित थी। श्री प्रभु त्रिवेदी सदाशिव कौतुक, संतोष मोहंती एवं प्रदीप नवीन तथा ज्योति जैन ने आभासी रूप से सहभागिता की। अध्यक्षीय उद्बोधन डॉ जी डी अग्रवाल ने दिया तथा अंत में आभार मुकेश तिवारी ने व्यक्त किया।

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Thu Apr 7 , 2022
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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।