पुलकित कंपित चातक गाये !
गुंजित बादल विपुला छाये !!
उमड़ घुमड़ कर अंबर घेरा !
श्यामल गर्वित रूप घनेरा !
अम्बुद घोर हुआ अंधेरा !
दमक दामिनी डाला डेरा !
गगरी प्रेम सुधा भर लाये !
गुंजित बादल विपुला छाये !!
चिर संचित चित चंचल छाया !
मन मंगल मनहर मति माया !
सुखद पवन गति जलकण काया !
लघु उर परिमल अंचल भाया !
नैन नशीले वधु शरमाये !
गुंजित बादल विपुला छाये !!
अधर सुधा रस भर अलसाई !
नवल सृजन पलती परछाई !
फूट पडी संचित अरुणाई !
मृदुतम अंकुर बन लहराई !
मन मयूर अब मोहन पाये !
गुंजित बादल विपुला छाये !!
अंबर निर्मल श्रांत तना रे !
अवनि भाग्य उन्माद घना रे !
सृष्टि सृजन का मेल बना रे !
नृत्य नटी नभ तल सपना रे !
पपिहा प्रेमिल राग सुनाये !
गुंजित बादल विपुला छाये !!
#छगन लाल गर्ग विज्ञपरिचय-छगन लाल गर्ग “विज्ञ”!जन्मतिथि :13 अप्रैल 1954जन्म स्थान :गांव -जीरावल तहसील – रेवदर जिला – सिरोही (राजस्थान )पिता : श्री विष्णु राम जीशिक्षा : स्नातकोतर (हिन्दी साहित्य )राजकीय सेवा : नियुक्ति तिथि 21/9/1978 (प्रधानाचार्य, माध्यमिक शिक्षा विभाग, राजस्थान )30 अप्रैल 2014 को राजकीय सेवा से निवृत्त ।प्रकाशित पुस्तके : “क्षण बोध ” काव्य संग्रह गाथा पब्लिकेशन, लखनऊ ( उ,प्र)“मदांध मन” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ,प्र)“रंजन रस” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ,प्र)“अंतिम पृष्ठ” काव्य संग्रह, अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद (उ,प्र)“तथाता” छंद काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ.प्र.)“विज्ञ विनोद ” कुंडलियाँ संग्रह , उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ (उ.प्र. ) ।“विज्ञ छंद साधना” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन!साझा काव्य संग्रह – लगभग २५सम्मान : विद्या वाचस्पति डाक्टरेट मानद उपाधि, साहित्य संगम संस्थान नईं दिल्ली द्वारा! विभिन्न साहित्यिक मंचो से लगभग सौ से डेढ सो के आस-पास!वर्तमान मे: बाल स्वास्थ्य एवं निर्धन दलित बालिका शिक्षा मे सक्रिय सेवा कार्य ।अनेकानेक साहित्य पत्र पत्रिकाओ व समाचार पत्रों में कविता व आलेख प्रकाशित।वर्तमान पता : सिरोही (राजस्थान )