वो इश्क नहीं हो सकता है

0 0
Read Time1 Minute, 37 Second
sachin
पिता  की पगड़ी को जो गिरा दे,वो इश्क नहीं हो सकता है,
अपनी शान में पिता का मान गिरा दे,
वो इश्क नहीं हो सकता है,
मां की कोख में जिस बेटी को, पिता ने बचाया है,,
उसी बेटी ने देखो पिता का कैसे मान गिराया है,,
जिस बेटी को खूब पढ़ाया, ऊंची तालीम दिलाई है,,
उसी बेटी में देखो जग में, पिता की जग हंसाई कराई है,
 जो पिता की आंखों में आंसू ला दे, वो इश्क़ नहीं हो सकता है
करना है अगर तो प्रेम करो, प्रेम त्याग दे जाता है,,
बेटी का एक गलत कदम, पिता को भीतर तक खा जाता है,,
जो पिता के मस्तक पर दाग लगा दे, वो इश्क नहीं हो सकता है,,
प्यार के नाम पर जो बच्चा,  केवल अपनी ही हाकेगा,,
वो पिता सब कुछ मांगेगा, लेकिन रब से बेटी ना मांगेगा,,
जिस बेटी को नजर से बचाने को, मां काला टीका लगाती है,,
 वही बेटी अपने सपनों की खातिर, पिता का मुंह काला कर जाती है,,
जो बेटी पिता को इतना जलील कराए, वो इश्क नहीं हो सकता है,,
खून के आंसू जो पिता की आंखों में लाए,
वो कुछ भी हो, कुछ भी हो कुछ भी हो,
लेकिन इश्क नहीं हो सकता है, इश्क नहीं हो सकता है,,
#सचिन राणा हीरो
हरिद्वार(उत्तराखंड)

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

पैसा बोलता है

Sun Jul 14 , 2019
पैसा  ईश्वर  तो नहीं, नहीं ईश  से न्यून। जग में पैसा बोलता, रिश्ते  सनते खून।। ईश्वर भी है वो बड़ा, जिस पर चढ़े करोड़। जग में  पैसा बोलता, रिश्ते  पीछे   छोड़।। पैसे से  पद  बिक  रहे, पैसे से सम्मान। जग में पैसा  बोलता, बिकते हैं  ईमान।। वैवाहिक रिश्तें बिकें, कहते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।