देश के नवनिर्वाचित गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में राष्ट्रपति शासन छह माह और बढ़ाने तथा अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बसे परिवारों को आरक्षण देने का प्रस्ताव पेश किया तथा इन विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंआने विपक्ष पर तीखे हमले भी किए। गृहमंत्री ने जम्मू कश्मीबर के हालात का जिम्मेवदार कांग्रेस को बताया और कहा कि कांग्रेस द्वारा राज्यम में बार-बार धारा 356 के दुरुपयोग के कारण ही ऐसी परिस्थि ति बनी है। कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए गृहमंत्री ने कहा शंका के बीज कांग्रेस ने ही रोपे हैं। लोगों में शंका कांग्रेस की देन है। उन्हों ने आगे कहा कि राज्यी में विधानसभा चुनाव साल के अंत तक होंगे। राज्य में चुनाव का समय चुनाव आयोग तय करेगा। हमारे समय में चुनाव आयोग आजाद है।
गृहमंत्री ने कहा कुछ लोग कहते हैं कि जम्मूव कश्मी र में डर का माहौल है तो एक बात स्पष्ट रूप से समझ लेनी चाहिए कि जो भी भारत विरोधी हैं उनके दिल में डर होना चाहिए। क्योंकि हम टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्साी नहीं है। हम आतंकियों के साथ नहीं हैं गृहमंत्री ने कहा कि मैं कश्मीर की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि हमारी सरकार जम्मू -कश्मीोर की आम जनता के खिलाफ नहीं हैं हम कश्मीर की जनता के साथ हैं। हमने उन्हेंम तमाम सरकारी योजनाएं और नौकरियां मुहैया कराना शुरू कर दिया है। यह इस बात के अडिग प्रमाण है कि हमारी कथनी एवं करनी में भी अंतर नहीं है। हमारी सरकार कश्मीर की आम जनता के साथ कंधों से कंधा मिलाकर चल रही है और चलती रहेगी। इसी कारण विपक्ष में आज खलबली का माहौल बना हुआ है।
शाह ने अवगत कराते हुए कहा कि 23 जून 1953 को जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू-कश्मीर के संविधान के परमिट प्रथा का और देश में दो प्रधानमंत्री का विरोध करते हुए जम्मू कश्मीर पहुंचे तब उन्हेंम जेल में डाल दिया गया। यहां उनकी संदेहास्पतद तरीके से मौत भी हो गई। परन्तु, मौत की जांच भी नहीं हुई जबकि वह विपक्ष के वरिष्ठस नेता थे। गृहमंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि धर्म के आधार पर देश के विभाजन की गलती किसने की? क्या देश का विभाजन हमने किया? तब किसकी सरकार थी? कश्मीतर का हिस्सा पाक को किसने दिया? शाह ने कहा कि यह ऐसी सच्चाई है कि जिससे कांग्रेस अपना मुँह नहीं चुरा सकती। क्योंकि, यह सभी गलत फैसले कांग्रेस की सरकार के द्वारा ही लिए गए थे। कांग्रेस इसे नकार नहीं सकती। पूरा देश इस बात को जानता है। यह बड़े ही दु:ख का विषय है आज कांग्रेस की उसी भूल की सजा पूरा देश भुगत रहा है। कांग्रेस को ऐसे फैसले लेने से पहले सोचना चाहिए था। सरकार चलाना एवं सत्ता में बने रहना इतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना की देश है। सरकार तो आती जाती रहती है। आज कांग्रेस की उसी भूल के कारण लाखों लोग मरे। यह कितना बड़ा पाप है इसका जिम्मेदार कौन है।
शाह ने कहा जम्मू-कश्मीर में इंसानियत, जम्हूरियत, कश्मीरियत की नीति आज चल रही है। इंसानियत महिलाओं को शौचालय एवं धुएं से मुक्ति की सुविधा प्रदान कर रही है। जोकि मूल-भूत सुविधाएं हैं। गृहमंत्री ने कहा कि इस बात से कश्मीर की स्थिति और साफ एवं स्पष्ट हो जाती है कि राज्यत में पंचायती चुनावों पर भी रोक लगी थी। क्या इसे ही स्वतंत्रता कहते हैं? क्या इसे ही नागरिकों का अधिकार कहते हैं? आपने ऐसा क्यों किया था? क्योंकि, आपने कश्मीरियों को अपना वोट बैंक बनाकर बांधकर रखा था। यह भी सत्य है कि आप अपना वोट तो ले लेते रहे, अपनी सरकार तो बना लेते रहे अपने लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव तो करवा लेते रहे परन्तु, पंचायती चुनाव आपने नहीं करवाए। इसके पीछे आपकी क्या मंशा थी? ऐसी नीति स्पष्ट रूप से आपकी मंशा को उजागर करती है। आज उसी जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव संपन्न हुए, आज जनता को उसका अधिकार मिला। आजादी के 70 वर्ष बाद लोगों को पंचायत में अपनी बात रखने का मौका मिला। यह जम्हूरियत है। इसे जम्हूरियत कहते हैं। यह कार्य पहले ही हो जाना चाहिए था। परन्तु, क्यों नहीं हुआ? इसलिए कि आप करना नहीं चाहते थे। आप कश्मीरियों को उनका अधिकार देना नहीं चाहते थे। हमारी सरकार ने आज उनको उनका अधिकार दिय़ा। इसे न्याय कहते हैं।
सरकार की उपलब्धि।यों को गिनाते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा राज्यत में गोलीबारी से नुकसान पर आर्थिक मदद दी जाएगी। 2 बॉर्डर बटालियन को मंजूरी दी गई। लद्दाख में हिल काउंसिल बनाया गया और इसके लिए बजट दिया गया। राज्यय सरकार में 41000 नए पद हैं। जिसे भरा जाएगा क्योंकि, कश्मीार का कल्यालण हमारी प्राथमिकता है। कश्मी0र में 16 प्रोजेक्टा पूरे हो चुके हैं। कश्मीतर ने काफी कुछ सहा है, यदि हमें ज्याशदा भी कुछ देना पड़ा तो हम निश्चित ही उसे देंगे और कश्मीर को कश्मीर बनाकर ही रहेंगे क्योंकि हम सरकार चलाने नहीं आए हम समाधान करने आए हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा विशिष्ट परिस्थिति के कारण राष्ट्रपति शासन का समय बढ़ाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति कांग्रेस के बार-बार धारा 356 के दुरुपयोग के कारण हुई है। गृहमंत्री ने कहा कि धारा 356 का इस्ते माल राजनीति नहीं है। धारा 356 का 92 बार इस्तेामाल कांग्रेस राज में हुआ। नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंक के लिए जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को अपनाया है। मुझे यकीन है कि हम जनता के सहयोग से इसे पाने में सफल रहेंगे।
गृहमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने जमात-ए-इस्लारमी को बैन क्यों नहीं किया आप किसे खुश करना चाहते थे? आज उसी जमात-ए-इस्लाकमी को बैन भाजपा सरकार ने किया। जेकेएलएफ को भी बैन भाजपा ने ही किया। भाजपा में और कांग्रेस की सरकार में अंतर यही है कि कांग्रेस सरकार चलाने के लिए आती है और हम समाधान करने के लिए आते हैं।
आरक्षण संशोधन के प्रस्ताैव को पेश करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि इससे राज्य के लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंैने कहा कि अंतर्राष्ट्री य सीमा के आस-पास गोलीबारी के बीच रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। कांग्रेस ने उन्हें क्यों वंचित रखा? क्या कांग्रेस इसका उत्तर दे सकती है? उनके साथ यह अन्याय यह भेद-भाव क्यों किया गया? गृहमंत्री ने कहा कि हम किसी को खुश करने के लिए नहीं हैं बल्कि् न्याय करने के लिए हैं। जो अंतर्राष्ट्री य सीमा के निकट रहते हैं। उनके साथ भेदभाव करना कितना गलत है। हम जम्मूल-कश्मीतर के हालात को मॉनिटर कर रहे हैं। पूर्व गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दिए गए समय सीमा के भीतर बॉर्डर एरिया में बंकरों का निर्माण किया जाएगा। हर जिंदगी हमारे लिए महत्व पूर्ण है। पीओके और पश्चिम पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की मदद की गई है। 15000 बंकरों का निर्माण किया जा रहा है। पशुधन के मारे जाने पर मुआवजा दिया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बसे गांवों के छात्रों को भी आरक्षण देने का प्रस्ताव है। क्योंकि, गोलीबारी के दौरान छात्रों को कई-कई दिनों तक बंकरों में ही रहना पड़ता है।
राजनीतिक विश्लेषक।
(सज्जाद हैदर)