आधी आबादी

0 0
Read Time2 Minute, 30 Second
cropped-cropped-finaltry002-1.png
तुम संभावनाएं अपार हो।
स्नेह पुंज, तुम जीत, तुम्हीं हार हो।
भावों की अभिव्यक्ति तुम संसार हो
तुम संभावनाए अपार हो।
मेरे अस्तित्व में दखल देने वाले
अकुलाये मन को सम्बल देने वाले
मेरी दशा-दिशा को बदल देने वाले
गुरु माँ, शाश्वत ममता के सार हो
तुम संभावनाए अपार हो।
जिसने स्वयं को मिटाया मुझे पाने को
ऊर्जा की छींटे बरबस बरसाने को
सींच पौधें को फलदार वृक्ष बनाने को
बरसते मेघ की गर्जना-पुकार हो
तुम संभावनाए अपार हो।
प्रश्न तुम्हीं से जीवन हैं पाते
जब स्वयं तुम उन्हें गले लगाते
गूढ़ प्रश्नों के मधुर गीत गाते-गाते
वीणा साज की तार हो
तुम संभावनाए अपार हो।
तेरे शब्द भजन हैं मेरी खुराक भी हैं
तू निश्छल भी है और बेबाक भी है
तू संकल्प-अग्नि और शांत राख भी हैं
उस बुझी राख में छुपी चिंगार हो
तुम संभावनाए अपार हो।
सामंजस्य हो अध्यात्म और संसार का
तुम पावन सन्देश हो माँ की दुलार का
तुम संकल्प हो अक्खड़ स्पष्ट विचार का
तुम स्वयं में एक विचार हो।
तुम संभावनाएं अपार हो।
तेरे हाथों में खुद की डोर है
करुणा की प्रतिमूर्ति भाव विभोर है
तू शांत-गुपचुप सी मेरी ओर है
तुम हद की पहरेदार हो
तुम संभावनाएं अपार हो।
जीवन के डगमग डगमग राहों में
पुत्र को तरसती लेने को बाँहो में
शुभ के लिए तरसती निगाहों में
तुम एक शुभ समाचार हो
तुम संभावनाएं अपार हो।
तुम ईश्वरीय आनंद की प्रतीक्षा हो
गुरुकुलीय वेदोक्त शिक्षा दीक्षा हो
तुम वीर-वीरांगनाओं की समीक्षा हो
तुम मातृशक्ति का चिर उद्गार हो।
तुम संभावनाएं अपार हो।
#स्वामी विदेहदेव

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नारी को मान सम्मान दो 

Fri Mar 8 , 2019
मान मिले सम्मान मिले, नारी को उसका स्थान मिले। जितनी सेवा भक्ति वो करती है । उससे ज्यादा उसे सम्मान मिले। कितना कुछ वो, पूरे दिन भर करती है / घर बाहर का सब कुछ देखा करती है। सगे सम्बधियो और अपनों से रिश्ता निभाती है / और फिर भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।