फ़ेसबुकिया संसार

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sushama malik

फेसबुक की दुनिया ने देखो,  ये कैसा गजब ढाया है!
शाम को ही सोने वाले पप्पू को, सारी रात जगाया है!!
फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होते ही, ये मैसेंजर में घुस जाते हैं!
हाय, हेलो, कैसी हो डिअर, ये मैसेज की लाइन लगाते हैं!
ना दे जवाब कोई लड़की, तो वीडियो कॉल मिलाते हैं!
करके ये हरकतें छोटी “मलिक” ब्लैकलिस्ट में पहुँच जाते हैं!!
नही आता था जिन्हें कुछ, उन्हें भी अंग्रेजी  लिखना आया है!
फेसबुक की दुनिया ने देखो,  ये कैसा गजब ढाया है!!
प्रिया एंजिल की id बनाकर, ये फेकिये लल्लू छिप जाते हैं!
डालदे लड़की कूड़ेदान की पोस्ट, सुपर नाइस बताते हैं!
दीदी दीदी करते करते ये, इनबॉक्स को भर आते है!
ओवर एक्टिंग से जल्द ही ये, असली रूप झलकाते हैं!!
फेसबुक नही चीज बुरी, फेकिये लल्लूओ ने बुरा बनाया है!
फेसबुक की दुनिया ने देखो,  ये कैसा गजब ढाया है!
जाने कौन कहाँ मिल जाये, ना पड़े हमे कभी नजर झुकानी!
ऐसी भी ना डाले पोस्ट मलिक, पड़े जो परिवार से छिपानी!
अच्छी इमेज लेकर चलो, चाहे करते रहो अपनी मनमानी!
देखकर भूचाल फेसबुक का, सुषमा को पड़ी बात बतानी!
विज्ञान ने की तरक्की, और देखो नेट का जमाना आया है!
फेसबुक की दुनिया ने देखो,  ये कैसा गजब ढाया है!!

#सुषमा मलिक
परिचय : सुषमा मलिक की जन्मतिथि-२३ अक्टूबर १९८१ तथा जन्म स्थान-रोहतक (हरियाणा)है। आपका निवास रोहतक में ही शास्त्री नगर में है। एम.सी.ए. तक शिक्षित सुषमा मलिक अपने कार्यक्षेत्र में विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक और एक संस्थान में लेखापाल भी हैं। सामाजिक क्षेत्र में कम्प्यूटर प्रयोगशाला संघ की महिला प्रदेशाध्यक्ष हैं। लेखन विधा-कविता,लेख और ग़ज़ल है। विविध अखबार और पत्रिकाओ में आपकी लेखनी आती रहती है। उत्तर प्रदेश की साहित्यिक संस्था ने सम्मान दिया है। आपके लेखन का उद्देश्य-अपनी आवाज से जनता को जागरूक करना है।

matruadmin

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।