जिस रास्ते से गुजरती थी वो,
वो रास्ता मुझे उसकी याद दिलाता है..
जब भी गुजरता हूं उस रास्ते से,
तो उसका चेहरा मेरी आँखों में आता हैl
उस वक़्त जो न कह सके थे वो आज कह रहे हैं..
पूरे रास्ते में मुझे बस वो ही नजर आती है,
आज भी उसकी याद मुझे बहुत तड़पाती हैl
राज अपने दिल के वो मुझसे खोले..
पर बिना कुछ कहे वो मुझसे मुंह मोड़ गई,
बीच रास्ते में वो मुझे अकेला छोड़ गईl
बिछड़कर उससे जाता मैं कहाँ..
वो रास्ता तो आज भी उसकी याद दिलाता है,
जब भी गुजरता हूं उस रास्ते से..
उसके करीब होने का एहसास दिलाता है…..ll
#पीयूष राज
परिचय : पीयूष राज की उम्र मात्र १७ साल है, पर लेखन में खासे सक्रिय हैं। कविता और कहानी लिखना इनको पसंद है। २०१५ से कविता लिखते हुए अब तक ५७ लिख चुके हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में यह प्रकाशित हो चुकी हैं। आप जिला दुमका (झारखण्ड)में बसे हुए हैं। वर्तमान में दुमका में द्वितीय वर्ष (डिप्लोमा अभियंत्रण छात्र) में अध्ययनरत हैं।