भा गया मुझको वो लुभाना तेरा
दूर जाना कभी पास आना तेरा
गजब की वो सारी मस्ती तेरी
नजरें मिलाना और चुराना तेरा
पागल ही किया तेरे अंदाज ने
तेरी अदा और मुस्कुराना तेरा
बिखरी सी लटें माथे की बिंदिया
होश मेरे उड़ाए सीने से लगाना तेरा
शोखी वो शरारत दिलकश अदा
पलके उठाना और झुकाना तेरा
दांतो में उंगली जो दबाई तुम्ही ने
याद आता रहा इक लजाना तेरा
तुम ही तुम ख्यालों में,भूल पाता नही”सागर”
रुख से परदा वो हटाना तेरा
#किशोर छिपेश्वर ‘सागर’
परिचय : किशोर छिपेश्वर ‘सागर’ का वर्तमान निवास मध्यप्रदेश के बालाघाट में वार्ड क्र.२ भटेरा चौकी (सेंट मेरी स्कूल के पीछे)के पास है। आपकी जन्मतिथि १९ जुलाई १९७८ तथा जन्म स्थान-ग्राम डोंगरमाली पोस्ट भेंडारा तह.वारासिवनी (बालाघाट,म.प्र.) है। शिक्षा-एम.ए.(समाजशास्त्र) तक ली है। सम्प्रति भारतीय स्टेट बैंक से है। लेखन में गीत,गजल,कविता,व्यंग्य और पैरोडी रचते हैं तो गायन में भी रुचि है।कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होती हैं। आपको शीर्षक समिति ने सर्वश्रेठ रचनाकार का सम्मान दिया है। साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत काव्यगोष्ठी और छोटे मंचों पर काव्य पाठ करते हैं। समाज व देश हित में कार्य करना,सामाजिक उत्थान,देश का विकास,रचनात्मक कार्यों से कुरीतियों को मिटाना,राष्ट्रीयता-भाईचारे की भावना को बढ़ाना ही आपका उद्देश्य है।