ग़ज़ल: मृदुल जोशी
तुम थोड़े-से हिन्दू बन जाओ, मैं कुछ मुसलमां बन जाता हूँ,
तुम मंदिर में अज़ान देना, मैं मस्जिद में पूजा कर आता हूँ|
न परेशां हो क़ि, मेरा भगवान और तेरा खुदा क्या सोचेगा,
बस एक पल ठहर जा, क़ुरान में वेद-पुराण रख आता हूँ |
मैं आयत को भजन बना के गा लूँगा, मुसल्ल्म बिछाकर,
ठहरो ! तुम्हारे सजदे के श्लोक की आयत बना आता हूँ |
कोई इंसानियत का अदु सवाल करे, अपने तरीकों पर,
कहना क़ि तेरे को तेरे दिल में है खुदा, ठहर बताता हूँ |
—–मृदुल जोशी…
कवि परिचय: उज्जैन में जन्में ‘मृदुल जोशी’ उम्दा दर्जे के कवि और लेखक है | हिन्दी , अँग्रेज़ी और उर्दू भाषा के जानकार और लेखन में महारत हासिल जोशी पेशे से वेब डिज़ाइनर (टेक्नोक्रेट) है| संपर्क सूत्र: 09406650365
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