किनारा

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ritu ray
    सदा सत्य पथ पर चले जाना है
हवा के है झोंके बहे जाना है।
कभी सोचते है,ठहरे इसी पथ
बस नीर है हम, बहे जाना है ।
ठहरी नही जिंदगी भी किसी पथ
किसी के लिए ना रुके हम किसी पथ
कभी लड़खड़ाये ,तो सोच ले हम
यही जिन्दगी है बस चले जाना है।
किसको सुनाये , हम अपनी कहानी
कैसे बताये क्या है , जिन्दगानी
समेट न पाये रिस्तो को अपने
हम वारि है, हमे बहे जाना है ।
तेरा काम है नीर बहना ही बहना
न है कोई मंजिल, तो फिर क्यों ठहरना।
काश तेरा कोई किनारा भी होता
जहा तू ठहरता, विश्राम करता।
तू जल है, तुझे जीवन कहते सभी है।
सदा तुझ पर निर्भर , जीव जन्तु सभी है।
तेरी भी अपनी है क्या जिन्दगानी
बता न कभी, मुझको अपनी कहानी ।
तुझ विन धरा पर जीवन नही है।
सब है पता, तेरी कदर क्यों नही है
नही तुझे गिला, न है शिकवा किसी से
बता न, हम इंसान क्यों तेरे जैसे नही है।
तू नीर है , पय, वारि, उदक है
स्वभाव ही शीतल बहे जाना है ।
कही न है ठहरा, न ठहरेगा कही भी
सदा सत्य पथ पर चले  जाना है ।
 #ऋतू राय ऊषा

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।