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-जियाउर रहमान जाफ़री
सबकी देखो यही कहानी
सब कहते हैं पानी -पानी
है ये तो बरसात का मौसम
बारिश वाली रात का मौसम
माना बिजली चमक रही है
बूंद एक न टपक रही है
बादल भी आकाश पे छाता
लेकिन फ़ौरन ही छट जाता
सूख रहे हैं नदियाँ -नाले
बहुत दुखी हैं खेतों वाले
आसमान से आस लगी है
चिड़ियों को भी प्यास लगी है
बूंदें बारिश की जो आती
ख़त्म ये गरमी भी हो जाती
काश अगर हम पेड़ लगाते
होती बारिश खूब नहाते
#जियाउर रहमान जाफ़रीनालंदा(बिहार)
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