ऐ दिल तू बता दे, तेरा शहर क्यूँ भूला
बडी मुश्किल से मैंने, बातों को भूला
हसरतो को तूने क्यूँ, आँसूओ में घोला
ऐ दिल तू बता दे, तेरा शहर क्यूँ भूला।
कहते थे मुझसे, कभी न होंगे जुदा
नादा था मै, समझ सका न तेरी खता
मुस्कुरा के तूने, खंजर दिया उतार
ऐ दिल तू बता दे, तेरा शहर क्यूँ भूला।
करके मुझसे वेवफाई पछताओगे जरूर
मगरूर हूँ मै,न होऊँगा कभी मजबूर
वफा के रास्ते, दिखाऊँगा जरूर
ऐ दिल तू बता दे, तेरा शहर क्यूँ भूला।
तेरे आस पास है, चमकते सितारे
तेरी रोशनी से जगमग होते सारे
चमकता रहे तू हमेशा, लगे चाँद सा
उन सितारो को देना हमारी दुआ
ऐ दिल तू बता दे, तेरा शहर कूयूँ भूला
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति