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हर राम का जटिल जीवन पथ होगा
जब पिता भार्या भक्त दशरथ होगा
करके ज़ुल्म करता है वो इबादत
कहो फिर कैसे पूर्ण मनोरथ होगा
नींद आयेगी तुझे भी सुकून भरी
जब तू भी पसीने से लथपथ होगा
कृष्ण का भी रथ बढ़ रहा नहीं आगे
सुदामा के रक्त से सना राजपथ होगा
आज भी दुःशासन कर रहा विचरण
कानून खरीदने में वो महारथ होगा
#आलोक कौशिकपरिचय:-
नाम- आलोक कौशिकपेशा- अध्यापन एवं स्वतंत्र लेखनपता- कस्तूरी वाटिका, जिला- बेगूसराय, राज्य- बिहार,
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