सरप्राइज…

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dipa
ये क्या ? आप अभी तक न्यूज़ पेपर लेकर बैठे हैं, चलिए उठिए मार्केट जाइए और जो लिस्ट दी है,वो सामान लेकर आईए।
अरे शुभ्रा तुम …छोड़ो मेरा न्यूज़ पेपर, क्या दुश्मनी है तुम्हें इससे। पढ़ने दो भई।
देखिये शर्मा जी मुझे और गुस्सा मत दिलाइए,आज मेरा बेटा,बहू,मेरे पोते- पोती सब आ रहे हैं, वो भी पूरे चार साल बाद भारत आ रहे हैं। मैं कुछ नहीं सुनना चाहती।जाइए, सामान लाइए, मुझे उसकी पसंद का सब खाना बनाना है ।
पर शुभ्रा तुम पहले ही इतने पकवान बना चुकी हो। अब और क्या रह गया….वो पूरे एक महीने यहीं रहेगा, एक दिन में ही सब खिला दोगी क्या ?
हाँ खिला दूँगी। आप जाइए मार्केट।
लो ये रहा तुम्हारा सामान और भी कुछ बचा हो तो बता दो, ला देता हूँ। भई खुशबू तो बहुत आ रही है..क्या- क्या बना लिया है तुमने ? पुलाव , मटर पनीर,खीर,आलू..वाह भई इतना सब एक दिन में खिला दोगी,बेचारा रोहन तो गया काम से।
वैसे सोच रहा हूँ,एक बार उससे कन्फर्म कर लूँ कि, कब तक पहुँचेगा।और बता भी दूँगा कि,तुमने इतनी तैयारी….
अरे नहीं-नहीं,उसे मत बताना ये सरप्राइज है उसके लिए।
तभी मोबाइल की घंटीबजी…हाँ रोहन,…बोलो बेटा-कब तक आ रहे हो, हम तुम्हारी राह देख रहे हैं।
सॉरी पापा,मैं आज घर नहीं आ पाउँगा। आस्था की मम्मा ने हमारे लिए सरप्राइज प्लान किया है तो अभी कुछ दिन मुम्बई रुककर फिर भोपाल आएंगे। प्लीज़ पापा सॉरी,माँ को भी सॉरी बोल देना मेरी।
क्या हुआ? क्या कहा रोहन ने ? क्या सोच रहे हो, बोलो न।
कुछ नहीं बस रोहन ने हमें सरप्राइज दे दिया ।
सरप्राइज??
हाँ, सरप्राइज।
अजीब-सा सन्नाटा घर में पसर गया था।

 #डॉ. दीपा मनीष व्यास

परिचय : सहायक प्राध्यापक डॉ. दीपा मनीष व्यास लेखन में भी सक्रिय हैं। आपने एमए के बाद पीएचडी (हिन्दी साहित्य)भी की है। जन्म इंदौर में ही हुआ है। इन्दौर(म.प्र.)के प्रसिद्ध दैनिक समाचार-पत्र में कहानियाँ और कविता प्रकाशित हुई हैं।आप साहित्य संस्था में अध्यक्ष पद पर हैं एवं कई सामाजिक पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित होती हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।