एक नई भोर

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anupa harbola

” सर! इस बार स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर किसको आमन्त्रित करना है?”नए आए प्रधानाचार्य से ऑफिस इंचार्ज सुनील से पूछा।

“विद्यालय में तो ध्वजारोहण प्रधानाचार्य द्वारा ही किया जाता है , कोई भी आ सकता है ये तो सभी का पर्व है”

“पर…. यह स्कूल एक कंपनी संचालित है,तो प्लांट से ही कोई वरिष्ठ व्यक्ति को बुलाया जाता है यही होता आया है, आजतक  हमारे स्कूल के किसी व्यक्ति ने ध्वजारोहण नहीं किया है।”

“ठीक है !माना ये स्कूल प्लांट के अनुदान पर चलता है,पर ये बात मुझे ठीक नही लगी।”

“तो फिर क्या करें सर!,निमन्त्रण पत्र में मुख्य अतिथि पर आपका नाम लिख दूँ”।

“मेरा नाम क्यूँ?, मैं तो विद्यालय का ही भाग हूँ, मेजबान हूँ, कोई अपने घर पर अतिथि होता है क्या?,तुम निमंत्रण पत्र पर सभी को ध्वज वंदन हेतु आमंत्रित करो ७ बजे”।

“जी सर, पर ध्वज वंदन कौन करेगा सर?”

” सोचते  हैं,अच्छा बताओ स्कूल में सबसे सीनियर कौन है?”

“सर! टीचर्स में राजशेखर सर ,ऑफिस स्टाफ में गीता मैडम,सहायक स्टाफ में विजयाअम्मा।”

“अब बताओ उम्र के हिसाब से कौन होगा सीनियर ?”।

“तो विजया अम्मा…”

“ठीक है, इस बार झंडारोहण विजया अम्मा के हाथों होगा ,बता दो उसको “।

सुन कर सुनील के हाथ स्वतः ही सल्यूट के लिए उठ जाते हैं….।

अनूपा हर्बोला

विद्यानगर(कर्नाटक)

 

 

 

अनूपा हरबोला

matruadmin

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