मेहनत से मंजिल

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जब कभी भी उठने की कोशिश की
तब तब गिराने बालों ने बहुत
मन्नते की।
कि काश,
यह कभी न उठे।
पर उठने की,
जो मन में ठाने थे।
बे उठे
बहुत उठे
इतने ऊँचे उठे
कि गिराने वालो की सारी कोशिसे
नाकामयाब हो गयी।।
वे बढे
बहुत आंगे बढे
इतने आंगे बढे
कि उनका साथ पाने को
किसी के हौसले भी नही हुए।
वे चले
बहुत चले
इतना चले
कि उन्हें रोकने वालों के
इरादे बहुत फीके रह गए।
उन्हें मंजिल मिली
सब देखते रह गए।
उनने जो ठाना था
वे वो सब कर गए।
गिराने वाले बहुत नीचे
गिर गये।
इतने नीचे गिर गए
इतने नीचे गिर गए
कि उठने
उठकर चलने
चलकर बढ़ने
के सारे ख्वाब
उन्हें एक सपने से रह गए।
और
अब बो लोग बहुत
बहुत
बहुत पीछे रह गए।
अधूरे रह गए।
अधूरे रह गए।
इसलिये सम्बल बनो
सहारा बनो
बढ़ने में सभी के।
क्योकि मजा नही है बिल्कुल
गिराने में किसी के।
उठने दो सारी दुनियां को
बढ़ने दो सारी दुनियां को
यही विचार उन्नति है
हमारी
हम सबकी।
कमजोर न रह
हताश न हो।
प्रयत्न कर
मजबूर न हो।
मंजिल मिलेगी
आज नही तो कल
प्रयत्न कर
बस उदास न हों।
हँस दिल खोलकर अपना
बढ़ मन खोलकर अपना।
लग जा मंजिल की तरफ
रस्ते बनाने
तो जरूर मिलेगी बो
इसी मेहनत लगन के बहाने।
        #शास्त्री दीपक जैन”ध्रुव”

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।