दिल में कुछ,दबा सा है..

0 0
Read Time1 Minute, 9 Second

pritee
दिल में कुछ,दबा-सा है,
कुछ अटखेलियाँ,कुछ नादानियाँ..
गुज़री बातों की कुछ निशानियाँ,
वक्त जैसे कुछ,रुका-सा है..
दिल में कुछ,दबा-सा है…।

कुछ ख़्वाहिशें,कुछ आशाएँ,
कुछ हैरानियाँ,कुछ परेशानियां..
कोई शूल जैसे,चुभा-सा है,
दिल में कुछ,दबा-सा है…।

कुछ सपने,कुछ उम्मीदें,
कुछ अलसाई-सी वो नींदें..
मन में कुछ,छुपा-सा है,
दिल में कुछ,दबा-सा है…।

कुछ उमंगें,कुछ नुमाइशें,
छोटी-सी वो फरमाइशें..
सपनों में वो कहीं,बसा-सा है,
दिल में कुछ,दबा-सा है…।

                                                                           #प्रीती दुबे

परिचय : मध्य प्रदेश में ही निवासरत प्रीति दुबे प्रधानमंत्री सड़क योजना छिंदवाड़ा में उपयंत्री के पद पर कार्यरत हैं।आपने कुछ समय पहले ही शौकिया तौर पर लिखना शुरू किया है। आपकी रचनाओं का खास तत्व स्त्री और प्रेम है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

दिल पे न लें-(अप्रैल फूल पर विशेष..)

Sat Apr 1 , 2017
एक अप्रैल को ही मूर्ख दिवस क्यों मनाते हैं, तीन सौ चौसठ दिन क्या होशियार हो जाते हैं? मुझे तो बचपन से मुर्ख बनाया जा रहा है, चांदी के बदले गिलट का टुकड़ा पकड़ाया जा रहा है। छोटे में माँ से कोई चीज मांगता था,रोता था, माँ बहला देती थी,नहीं.. […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।