आया फागुन आई होली

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gulab

होली का त्योहार भारत में हिंदू ओ का प्रमुख त्योहार है, फागुन मास में पूर्णिमा के दिन होली जलाई जाती है और अगले दिन लोग गले शिकवे भूल कर गले मिलते हैं, एक दूसरे को गुलाल अबीर लगाते हैं, ओरते गुजिया और मिठाई बनाती है, फागुन मास में फूल खिलते हैं, आया फागुन आई होली के गीत राजस्थानी लोग ढोल बजाते हुए गाते हैं, अपने देश जाते हैं और बताते हैं कि “होली तो एठे कठे दिवाली बारे मास”

आया फागुन आई होली के लिए रचना प्रस्तुत है,

आया फागुन आई होली,
देश में हे विभिन्न बोली,
फागुन मे हम खेले होली,
पानी में जेसे आते हैं तरंग
डाला जाता है गुलाबी रंग

यू पी या गुजरात में,
पिलाई जाती है भाग
अमीर हो या फिर मजदूर
खाई जाती है भीगी खजूर

फर्क चाहे हो यहा बोली का
आग में जल गई थी होलिका
देश में मनाते हैं इदे मिलाद
बचाया प्रभु ने भक्त प्रहलाद

आया फागुन आई होली
भंग से बदल जाती है बोली
प्यारी है राधा कृष्ण की जोड़ी
बच्चे, युवा सभी होली खेले दौड़ी
.
जिस दिशा में जाएगी ज्वाला,
वह प्रदेश में होगा उजियाला
होली मे लकड़ियां मत जलाओ
पूजा पाठ से तुम होली मनाओ

होली मे खाओ व्यंजन मिठाई मेवा
गुलाब जी कहे तुम करो देश की सेवा
होली  त्योहार की हे पौराणिक कहानी,
देशवासी ओ बचाना तुम पीने का पानी

#गुलाबचन्द पटेल

परिचय : गांधी नगर निवासी गुलाबचन्द पटेल की पहचान कवि,लेखक और अनुवादक के साथ ही गुजरात में नशा मुक्ति अभियान के प्रणेता की भी है। हरि कृपा काव्य संग्रह हिन्दी और गुजराती भाषा में प्रकाशित हुआ है तो,’मौत का मुकाबला’ अनुवादित किया है। आपकी कहानियाँ अनुवादित होने के साथ ही प्रकाशन की प्रक्रिया में है। हिन्दी साहित्य सम्मेलन(प्रयाग)की ओर से हिन्दी साहित्य सम्मेलन में मुंबई,नागपुर और शिलांग में आलेख प्रस्तुत किया है। आपने शिक्षा का माध्यम मातृभाषा एवं राष्ट्रीय विकास में हिन्दी साहित्य की भूमिका विषय पर आलेख भी प्रस्तुत किया है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय(दिल्ली)द्वारा आयोजित हिन्दी नव लेखक शिविरों में दार्जिलिंग,पुणे,केरल,हरिद्वार और हैदराबाद में हिस्सा लिया है। हिन्दी के साथ ही आपका गुजराती लेखन भी जारी है। नशा मुक्ति अभियान के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी दवारा भी आपको सम्मानित किया जा चुका है तो,गुजरात की राज्यपाल डॉ. कमला बेनीवाल ने ‘धरती रत्न’ सम्मान दिया है। गुजराती में‘चलो व्‍यसन मुक्‍त स्कूल एवं कॉलेज का निर्माण करें’ सहित व्‍यसन मुक्ति के लिए काफी लिखा है।

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