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जिंदगी में कई रिश्ते बनते हैं,
हर रिश्ते का अलग है अहसास,
कुछ खुशी के रिश्तें होते है तो,
कुछ गम के होते है,
कुछ रिश्ते मतलब के लिये बनते हैं,
पर कुछ रिश्ते सबकुछ बन जाते हैं,
सब रिश्तो का ही खेल है,
हम हैं तो रिश्ते हैं,
वरना कुछ भी नहीं
#शिखा जैनपरिचय-संस्थापक- वूमन आवाज़.कॉमसंस्थापक- संस्मय प्रकाशन
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