अनायास

0 0
Read Time1 Minute, 48 Second
cropped-cropped-finaltry002-1.png
मेरे फैसले बड़े अनायास होते हैं
क्या सही, क्या गलत इन सब से परे
मेरी प्रेरणा की प्रतिध्वनि, मेरे एहसास होते हैं
मेरे फैसले बड़े अनायास होते हैं।
फैसले मर्यादित होते हैं, बड़े ही अनुशासित होते हैं
मुझे सुख मिलता है, क्योंकि शुभ से परिपूरित होते हैं
न छुपाने को कुछ होता है न दिखाने को
मेरी दृष्टि में झांकोगे तो फैसले कामना रहित होते हैं
कुछ ऐसा ही सहजपना लिए मुक्त विचरता हूँ
स्वयं को साथ लिए ब्रह्म विहार विहरता हूँ
इन्हीं एहसासों के बीच सब मेरे पास होते हैं
मेरे फैसले बड़े अनायास होते हैं।
जो मुझे जानते हैं, गहरे समझते हैं
मेरी क्रियाओं पर, मेरी गति पर पैनी नजर धरते हैं
उन्हें पता होता है, कि मैं किस ओर चला अब
शायद पाने को जीवन का एक और नया सबब
तृप्ति भरे दृष्टि से, ताकते निहारते
मुझे हर हाल में गले लगाते, स्वीकारते
सच में मेरे लिए वो जीवन की मिठास होते हैं
हाँ! मेरे फैसले बड़े अनायास होते हैं।
ये भाव भी आज अनायास ही फफक पड़े
जो कहीं गहरे में दबे थे अब तलक गड़े
यूँ ही सरलता से चित्त से निकल गए
शायद मेरी अभिव्यक्ति में बदल गए
थोडा बहुत सच होता है, बाँकी तो कयास होते हैं
हाँ! मेरे फैसले बड़े ही अनायास होते हैं।
#स्वामी विदेहदेव जी

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

पेड़ लगाया 

Thu Feb 28 , 2019
क्या    शायु       ने शौक़ दिखाया घर में आकर     पेड़       लगाया हरी भरी     ये   डाली        उसकी वो करता     रखवाली        उसकी वक़्त से     पानी   भी देता      है खाद भी     आकर ले    लेता    है घेर के ईंटे     से    वो           आये कहीं ना   बकरी      ये खा    जाये ख़ुशियाँ    कितनी   वो   पाता  है रोज़ पेड़ […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।