#नीरज त्यागीग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश ).
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बड़ी ही शिद्दत से मेरी कलम ने मन से रिश्ता निभाया है।
हर एक दर्द मन का कलम से उतर कर पन्नो आया है ।।
जीवन के अलग अलग रंगों का पन्नो पर इंद्रधनुष बनाया है।
ये कलम का कमाल है कि आसमाँ पन्नो पर उतर आया है।।
जो भूली बिसरी यादे थी जिंदगी की किसी जगह दबी हुई।
यादों के एहसास को भी ये कलम पन्नो पर उतार लायी है।।
किसी ने मन का साथ निभाया हो या ना निभाया हो।
इस कलम ने मन का साथ बड़ी शिद्दत से निभाया है।।
जब कभी भी लगा कि कोई भी मेरे साथ नही है।
कलम ने जीवन को स्याही बनाकर पन्नो पर लाया है।।
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