आरक्षण : कोई नया नहीं है

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rambahadur

सदियों से रहा है आरक्षण

कौन कहता है कि आज नया है आरक्षण
यह परिपाटी नयी नहीं पुरानी परम्परा है
आकाश,पाताल या सड़क सबमें है आरक्षण
सूरज को जल कोई पश्चिम तो कोई पूर्व में दे
कोई राम को माने तो कोई कृष्ण को जाने
कोई महाराष्ट्र को तो काश्मीर को अपना माने
हिंदुस्तान से पाकिस्तान फिर बांग्लादेश बनाया
कोई साहित्य सवर्ण का कोई लिखे अवर्ण का
कभी बात हो दलित साहित्य कभी पिछड़े की
चाहे नामवर जी लिखें चाहे आशीष नंदी
ये है भारत यहां नहीं है कोई बंदिश
जहां होते बालि तो वहीं रहते सुग्रीव भी
एकतरफ चंद्रयान तो वहीं कालाहांडी भी
कहीं अतिवृष्टि तो वहीं कहीं अनावृष्टि भी
मत डरो आरक्षण से प्रमाणस्वरूप एकलव्य भी
पहले भी रहा है और आज भी है आरक्षण जी
आरक्षण से ही है रक्षण फिर इसमें तकरार क्यूं
भारत है महान तो अकेला आखिर परेशान क्यूं
#राम बहादुर राय “अकेला”
एम.ए.(हिन्दी, इतिहास ,मानवाधिकार एवं कर्तव्य, पत्रकारिता एवं जनसंचार),बी .एड.
मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं स्वतंत्र पत्रकार,
बलिया (उत्तर प्रदेश)

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।