मेरा समर्पित प्रेम

0 0
Read Time1 Minute, 55 Second

rahul prajapat
तुम सब जानती हो,में कैसा हूँ, कँहा हूँ,
अधरों में छुपी बातों को भी तुम जानती हो कि मैं कैसा हूँ, कँहा हूँ।।
मेरे बिना कहे समझ भी लेती हो,पढ़ लेती हो,
यही तो है तेरा प्यार मेरे लिए कि बिना कहे सब कुछ समझ लेती हो,
जो जोड़े रखता हैं तुम्हे मुझसे और मुझे तुमसे।।
जैसे चाँद हैं बेरौनक बिन चाँदनी के,
बस उसी तरह जुड़ी हो तुम भी मुझसे,और मैं तुमसे।।
ये “देव” भी तो बेरौनक से हो जाता है अपने सुर,लय, राग के बिना।
यही तो प्रेम है ना,यही तो समर्पण है मेरा
तुम्हारे लिए……
#प्रजापति राहुल”देव”

परिचय : 
पूरा नाम: प्रजापति राहुल “देव”
जन्मस्थान- मुजफ्फरनगर (उ.प्र)
पिता- श्री रणधीर सिंह
माता- श्रीमती दयावती
शिक्षा- एम बी ए (मार्केटिंग)
कार्य क्षेत्र- दैनिक जागरण 
रुचि-
गायन,लेखन,अध्यात्म ज्ञान
स्थायी पता-हरिद्वार, उत्तराखंड
उप्लब्धियाँ: 
1.अध्यात्म ज्ञान एवं उनसे जुड़े सामाजिक कार्यों में परस्पर योगदान
2. समाज सेवा 
3.लेखन कार्य
4. मंच संचालन
5. पत्रिकाओं में प्रकाशित लेख
6.पत्रिका “देवालय’ का संपूर्ण कार्य 
7. विभिन्न संस्थाओं द्वारा प्रशशस्ति पत्र 
8.काव्य संग्रह “काव्य गंगा”
9. अग्रिम संग्रह- “मेरे सुर,लय, गीत”
कार्यक्षेत्र:
दैनिक जागरण प्रिंट मीडिया 

 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आपकी नज़र

Wed Jun 6 , 2018
तुम जाते जाते चाहत की गर सभी निशानी ले जाते मन से स्मृतियाँ मिटा सभी आँखों का पानी ले जाते १ मन मुँडेरों पर क्यूँ अब तक यादों के दीप जलाये हो अपने लम्हों की अपने संग हर एक कहानी ले जाते । २ कब माँगे महल दुमहले थे कब […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।