तुम सब जानती हो,में कैसा हूँ, कँहा हूँ,
अधरों में छुपी बातों को भी तुम जानती हो कि मैं कैसा हूँ, कँहा हूँ।।
मेरे बिना कहे समझ भी लेती हो,पढ़ लेती हो,
यही तो है तेरा प्यार मेरे लिए कि बिना कहे सब कुछ समझ लेती हो,
जो जोड़े रखता हैं तुम्हे मुझसे और मुझे तुमसे।।
जैसे चाँद हैं बेरौनक बिन चाँदनी के,
बस उसी तरह जुड़ी हो तुम भी मुझसे,और मैं तुमसे।।
ये “देव” भी तो बेरौनक से हो जाता है अपने सुर,लय, राग के बिना।
यही तो प्रेम है ना,यही तो समर्पण है मेरा
तुम्हारे लिए……
#प्रजापति राहुल”देव”
परिचय :
पूरा नाम: प्रजापति राहुल “देव”
जन्मस्थान- मुजफ्फरनगर (उ.प्र)
पिता- श्री रणधीर सिंह
माता- श्रीमती दयावती
शिक्षा- एम बी ए (मार्केटिंग)
कार्य क्षेत्र- दैनिक जागरण
रुचि-
गायन,लेखन,अध्यात्म ज्ञान
स्थायी पता-हरिद्वार, उत्तराखंड
उप्लब्धियाँ:
1.अध्यात्म ज्ञान एवं उनसे जुड़े सामाजिक कार्यों में परस्पर योगदान
2. समाज सेवा
3.लेखन कार्य
4. मंच संचालन
5. पत्रिकाओं में प्रकाशित लेख
6.पत्रिका “देवालय’ का संपूर्ण कार्य
7. विभिन्न संस्थाओं द्वारा प्रशशस्ति पत्र
8.काव्य संग्रह “काव्य गंगा”
9. अग्रिम संग्रह- “मेरे सुर,लय, गीत”
कार्यक्षेत्र:
दैनिक जागरण प्रिंट मीडिया