नायक

0 0
Read Time1 Minute, 53 Second
aasha amit nashine
नव पल्लव जैसे खिलते है,, तुम लेती हो अँगडाई।
गंध  तुम्हारे अंग अंग  से, लेकर बहती  पुरुवाई।
नैन  कटीले कजरारे प्रिय  ,,, नित बसते है चेतन में।
क्षण भर का परिरंभ तुम्हारा,अमृत जैसे मरूवन में।
वृत्तपुष्प मकरंद अधर द्वय,  ग्रीवा लगे सुराही  है।
कुंतल स्याह घनेरे बादल ,, राह भटकता राही है।
पूनम के चँदा सी छवि है,,ऋतुओं की रंगत पाई।
गंध  तुम्हारे अंग अंग  से, लेकर बहती  पुरुवाई।
रक्तसिक्त कोमल कपोल हैं,, मुख मंडल आभा प्यारी।
देह नर्म  साँसों की गर्मी,,  हृदय  ग्रंथि खोले सारी।
प्रेम सुधा  कण कण से रिसती,,प्रीति सिंधु जैसी गहरी ।
हद से अनहद तक बिखरी हो,, वाणी वेदों सी ठहरी।
हीरे मोती भी झरते जब  ,,मुक्त गगन सम मुस्काई।
गंध  तुम्हारे  अंग अंग  से,   लेकर बहती  पुरुवाई।
नायिका**
नेहसिक्त नजरें प्रियतम की,, यौवन पर सध जाती हैं।
महक रातरानी सी तन की,,  खुशबू को बिखराती है।
रूप नहीं मेरा अनुपम पर,,  प्रेम पिया का अद्भुत है।
बिना प्रीति के मधु भी कड़वी,, देह मखमली भी बुत है।
है अनुराग अनोखा मनहर ,अति भावों में गहराई।
गंध  तुम्हारे अंग अंग  से,  लेकर  बहती  पुरुवाई।
#आशा_अमित_नशीने
 
परिचय-आशा अमित नशीने 
W/o अमित नशीने 
शिक्षा-बी.  एस. सी.
          एम. ए.(इंगलिश)
           पी. जी. डी. सी. ए.
पता-राजनांदगाँव (छत्तीसगढ़)

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

श्रावण मास तीज की...

Wed Dec 12 , 2018
श्रावण मास तीज की, सिन्जारे पर प्रीत की गोरी कोरे हाथों पर, मेहंदी रचायगी हाथों का शृंगार कर, खुद  को संवार कर लाल सुर्ख जोड़े में वो, पिय को रिझायगी मेहंदी दिखा के वह, सीधा कह देगी वह नखरें न आज वह, पिय के उठायगी जुल्फ मेरी बिखरेगी, चान्द से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।