रश्मिरथी
अमन अक्षर: रत्नगर्भा मध्यप्रदेश का नव काव्य प्रकाश
डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’
देह बनवास को सौप कर वो चला
चित घर की दिशा, शेष जाने किधर।
१३ जून १९९० को निमाड़ की धरती पर खंडवा के पास ग्राम मुंदी में जन्मे और वर्तमान में इंदौर में रहने वाले अमन जिन्होंने बी टेक ( बायो इंफॉर्मेटिक्स) और एम टेक ( जे. आर. एफ.) तक पढ़ाई कर चुके है। संगीत और काव्य में रूचि ने अमन को कवि सम्मेलनों के मंच तक पहुंचा दिया। गीत लिखने वाले अमन को सदी के सुप्रसिद्ध कवि डॉ कुमार विश्वास ने ‘अक्षर’ नाम से सुशोभित किया। लाल किले पर होने वाले कविसम्मेलन में सबसे कम उम्र के कवि है अमन ‘अक्षर’ ।
सच तो यह भी है की मंच के बाज़ारूपन से अलग और अनछुए कवि जिन्हें मौलिक गीतकार बन कर उभर रहे है। जहाँ एकओर मंचों पर छाए चुटीले और द्विअर्थी संवादों ने जगह बनाना शुरू कर दिया ऐसे दौर में विशुद्ध कविता और गीत के माध्यम से हिन्दी की समृद्धशाली परंपरा और गौरवमयी भाषा का जनमानस से परिचय भी करवाते है और जनता द्वारा सराहे भी जाते है। विगत वर्षों में देश के शीर्ष मंचों पर मध्यप्रदेश का परिचय करवाते हुए अमन अपने ही समकालीन नवोदित कवियों के लिए भी मंच संयोजित करते है।
इनके संयोजन और नेतृत्व में ‘गीत महोत्सव’, ‘रंग देश’ और ‘क्रांति के स्वर’ जैसे रुचिकर आयोजन भी हुए है। अलहदा अपनी शैली और नवाचार के माध्यम से श्रृंगार के अच्छे कवि व देश का सबसे युवा गीतकार जो राहत इंदौरी के शहर इंदौर का नया स्वर है।
प्रेम के गीत गुनगुनाने वाले अमन अक्षर हिन्दी के आला कविओं की सूची का हिस्सा बनने की दिशा में अग्रसर है और इसी तरह हिन्दी भाषा की सेवा के लिए तटस्थ है।
अमन अक्षर
रस – श्रृंगार रस (गीतकार)
अनुभव – आधे दशक से अधिक
निवास- इंदौर (मध्यप्रदेश )
बहुत अच्छा,
अभिनंदन
बहुत अच्छा,
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