Read Time2 Minute, 15 Second
हमे किस तरह आजमाते मिले
हमसे प्यार किया हमसे छुपाते मिले
अदब से तुम्हारा नजरें झुका देना
हर अदाओं से मुझको लुभाते मिले
दिल मे चाहत रखा कहा भी नहीं
दिलकश अदाएं और मुस्कुराते मिले
शर्मीली सी तुम और नीची निगाहें
जब तुम गलियों में आते जाते मिले
बहुत भाती चंचल शोख अदाएं तुम्हारी
वो पायल की छम और इतराते मिले
किया तो होगा तुमने महसूस कभी
मेरी जान हम भी तुम्ही पे जान लुटाते मिले
यकिन हो गया प्यार हमसे तुमको भी है
देख तस्वीर मेरी तुम खुद को बहलाते मिले
#किशोर छिपेश्वर ‘सागर’
परिचय : किशोर छिपेश्वर ‘सागर’ का वर्तमान निवास मध्यप्रदेश के बालाघाट में वार्ड क्र.२ भटेरा चौकी (सेंट मेरी स्कूल के पीछे)के पास है। आपकी जन्मतिथि १९ जुलाई १९७८ तथा जन्म स्थान-ग्राम डोंगरमाली पोस्ट भेंडारा तह.वारासिवनी (बालाघाट,म.प्र.) है। शिक्षा-एम.ए.(समाजशास्त्र) तक ली है। सम्प्रति भारतीय स्टेट बैंक से है। लेखन में गीत,गजल,कविता,व्यंग्य और पैरोडी रचते हैं तो गायन में भी रुचि है।कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होती हैं। आपको शीर्षक समिति ने सर्वश्रेठ रचनाकार का सम्मान दिया है। साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत काव्यगोष्ठी और छोटे मंचों पर काव्य पाठ करते हैं। समाज व देश हित में कार्य करना,सामाजिक उत्थान,देश का विकास,रचनात्मक कार्यों से कुरीतियों को मिटाना,राष्ट्रीयता-भाईचारे की भावना को बढ़ाना ही आपका उद्देश्य है।
Post Views:
400