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धनतेरस है सामने,महँगाई की मार।
भूखे पडे गरीब है,करिये भव से पार।।
धनवानों मत फेंकिये,दे देना उपहार।
कुछ पैसे से हो सके,निर्धन का त्योहार।।
चाँदी उसकी है यहाँ,पैसा जिसके पास।
चुटकी बजते हो सदा,सारे मन की आस।।
धनतेरस पे दीजिए,निर्धन को कुछ दान।
सपना देखा रात को,पूर्ण करे अरमान।।
धनतेरस की कामना,सभी रहें खुशहाल।
निर्धन की थाली भरे,चलें एकता चाल।।
#नवीन कुमार भट्ट
परिचय :
पूरा नाम-नवीन कुमारभट्ट
उपनाम- “नीर”
वर्तमान पता-ग्राम मझगवाँ पो.सरसवाही
जिला-उमरिया
राज्य- मध्यप्रदेश
विधा-हिंदी
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