सुण स्याणी! आज दोफारां भूख लागगी. म्हारी बिल्डिंग में महाराज को बासो(भोजनालय) बंद हो…तो मैं एक फास्टफ़ूड सेंटर में पेटपूजा करण चल्यो गयो. बड़ी भारी भीड़ ही.मने तो कुछ पतों कोनी हो…काउंटर पर खानपान की लिस्ट देखकर मै एक पिज्जो अर एक लावा केक को ओडर दे दियो. रिपिया तीन सो धरा लिया…मेरी तो सांस ऊपर-निचे होयगी. पण ओडर दियां पीछे कैंसिल कैयां करतो. महाराज तो दाल,भात,तीन सब्जी,पापड़,सलाद अर अचार देवै अर मात्र अस्सी रिपिया लेवै. खैर कोई बात कोनी.बीस मिनट पाछै वेटर ओडर सप्लाई देण आयो. मैं भूखो मरतो जल्दी जल्दी खावै लाग्यो. दो-चार गास्या मूंडा में लियो तो पाणी की इच्छा हुई. पण मैं टेबल पर देख्यो तो पाणी को गिलास अर जग कोनी हो.मैं सोच्यो क वेटर भूल ग्यो. मैं वेटर नै बुलायो अर पूछ्यो तो बो कह्यो, ‘सॉरी! सर..आपको पानी की बोतल खरीदणी पड़ेगी या फिर कोल्ड ड्रिंक की.’ मने गुस्सो तो भोत आयो पण कोई उपाय कोनी हो.फेर मैं सोच्यो क पीसा ही खर्च करणा है तो फेर पाणी क्यूँ पीवां..बस मैं कोल्ड ड्रिंक की बोतल खरीद लियो. जद स्यूं अबतक मेरा पेट में गैस हो रही है अर मीठो-मीठो दर्द हो रियो है. –सेठजी बोल्या.
सेठाणी बोली- सुण स्याणा! थे तो छापो पढो कोनी. थाने पतो कोनी क दुनिया मै जत्ता मीनख(लोग) युद्ध स्यूं कोनी मरै बिस्युं ज्यादा तो बीमारी स्यूं मर जावै है. घर मै बीमारी है अर जीको मूल कारण गलत आदतां अर गलत खानपान है. आपणा देस की सब्स्युं नामी डायटिशियन ऋजुता दिवेकर की सलाह है क आपां नै बो खानपान ई अपनाण की जरुरत है जका आपणा बाप-दादा खावै हा. मोटा अनाज की रोटी,खिचड़ी,भात,दाल,सब्जी, फाफड़ा अर पकौड़ा भी मौसम के मुताबिक़…अर तेल रिफाइन नहीं बल्कि कच्ची घाणी को सरसू तेल या नारियल तेल…अर शुद्ध देसी घी भी. पण कोई भी हालत में डिब्बाबंद फ़ूड अर कार्बोनेटेड ड्रिंक नहीं खाणा चाए. ब्रेड, पिज्जा,नूडल,पास्ता,केक अर बिस्कुट तो घर में ल्याओ ही मत. चाय भी नोर्मल पियो. पण आपणा देस का सेलेब्रिटी सोस, नूडल, रिफाइन तेल अर कोल्ड ड्रिंक को भरपूर प्रचार कर रिया है. फिलमां अर विज्ञापन में खाणा कै सागै पाणी को गिलास न दिखा’र जानबूझकर कोल्ड ड्रिंक दिखावे है. बस आस्युं प्रभावित हो’र आपां अर आपणा टाबरिया गलत खानपान अर गलत जीवनशैली अपना रिया हाँ…अर खूब बीमार पड़ रिया हाँ…अबार तो एक मैगी नूडल को मामलो उछल्यो हो..पछै ब्रेड में केमिकल को मामलो उछ्ल्यो…
सेठजी बोल्या- हाँ स्याणी…थारी बात समझ में आ री है…ईको मतलब पैली नुकसानदायक कंज्यूमर प्रोडक्ट खा’र आपां शरीर में बीमारी फैलावां फेर कारपोरेट होस्पिटला का विज्ञापन जाळ में फंसकर महँगो इलाज करावां. बठे हर अंग को अलग डॉक्टर ७००-१००० रिपिया की फीस लेयर ५-७००० का टेस्ट लिख देसी. खानपान को परहेज पूछ्ताई डायटिशियन कनै भेज देसी…बठे फेर १०००-२००० को चूनो…अर इलाज कदे कम्प्लीट होणो नईं. सुपर स्पेशलिटी होस्पिटल फाइव स्टार होटल की जियां मूंडबा में लाग रिया है अर आपां बढ़िया इलाज का चक्कर में आपकी नाड़ कटा रिया हाँ.
अर मजा की बात आ क गरीब अर जनता के हित की बातां करण हाला नेता आजतक इण कंपनियां के खिलाफ आंदोलन कोनी कर्यो. चोकलेट,केक,ब्रेड, नूडल अर कोल्ड ड्रिंक पीण वास्ते मना नई कर्यो…न हस्पतालां के चार्ज पर कोई लगाम कसी.
सेठाणी बोली- हाँ जी हाँ….क्यूंकि ग्राहक बनो,कमाई कराओ- बीमार पडो,इलाज कराओ,कमाई कराओ- ग्राहक से कमाओ,कुछ खुद रखो,कुछ हमको दो.-ग्राहक मरे या जिए, तुम जियो और हमको जीने दो…ओ ही आजकल मूल मन्त्र है.
#शिखर चंद जैन