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दल नेता तो बदले ऐसे |
कोई गणिका सारी जैसे |
सत्ता तो सिंहासन जैसा |
बैठा लगता रावण जैसा |
धर्म बाँटकर वोट पकाते |
कुछ तो सीधे नोट चटाते |
मदिरा दरिया गली बहाते |
गोता गंगा वोट लगाते |
धमकाता है खुल्लम खुल्ला |
दुश्मन घर का छोटा पिल्ला |
गौ माता चाहे बन जाओ |
भला नही तुम बैल कहाओ |
#अशोक महिश्वरे
गुलवा बालाघाट म प्र
#परिचय
नाम -अशोक कुमार महिश्वरे
पिता स्वर्गीय श्री रामा जी महिश्वरे
माता स्वर्गीय शकुंतला देवी महिश्वरे
जन्म स्थान -ग्राम गुलवा पोस्ट बोरगांव, तहसील किरनापुर जिला बालाघाट मध्य प्रदेश
शिक्षा स्नातकोत्तर हिंदी साहित्य एवं अंग्रेजी साहित्य ,बीटीआई व्यवसाय :मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर वर्तमान में शासकीय प्राथमिक शाला टेमनी तहसील लांजी जिला बालाघाट मध्य प्रदेश में पदस्थ हूँ
लेखन विधा गद्य एवं पद्य
प्रकाशित पुस्तकें: प्रकाश काधीन १/साझा काव्य संग्रह २/नारी काव्यसंग्रह
प्रकाशक साहित्य प्रकाशन झुंझुनू राजस्थान
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Sun Oct 21 , 2018
अजीबोगरीब था सफर मेरा, शुरुआत में मैंने कोई शुरुआत ही न की निकला जब घर से अनजान था मैं, रास्ते में भी किसी से मुलाकात ही न की। दिल में जुनून था,उबलता मेरा खून था, तपिश थी,लगन थी सफर में सुकून था न साथी कोई,न सहारा कोई था, किसी ने […]